हिन्दुओ, ‘मंदिर में पैसे चढाने के बजाय, वही पैसा मंदिर के बाहर बैठे भिखारियों को दें’, ऐसा कहकर भ्रमित करनेवाले और हिन्दू धर्मियों की श्रद्धा पर आघात करनेवाले आधुनिकतावादियों का कपट पहचानें !
प्रगतिशील लोगों को यदि निर्धनों पर इतनी दया आ रही है, तो उन्हें अब तक इन युवाओं को रोजगार देना चाहिए था ।