विवाह निश्चित करते समय वधु-वर की जन्मकुंडली मिलाने का महत्त्व
वधु-वर की जन्मकुंडलियां मिलाने का महत्त्व, इसके साथ ही वैवाहिक जीवन आनंदमय होने के लिए क्या करना चाहिए, इस विषय में प्रस्तुत लेख !
वधु-वर की जन्मकुंडलियां मिलाने का महत्त्व, इसके साथ ही वैवाहिक जीवन आनंदमय होने के लिए क्या करना चाहिए, इस विषय में प्रस्तुत लेख !
विवाहका पूर्णरूपसे आध्यात्मिक लाभ उठानेके लिए, हिंदुओ, विवाह विधिमें ऐसी अनिष्ट प्रथाओंका निषेध करें !
विवाह के कारण परिवारव्यवस्था से उत्पन्न बच्चों को सुसंस्कार, प्रेम एवं सुरक्षा मिलती है । किंतु, व्यभिचार से उत्पन्न संतति, इन सबसे वंचित रहती है ।
जानिये इन प्रश्नोंके उत्तर – किस विधिमें पत्नी पतिकी बाइं ओर बैठे ?, पतिके दाहिने हाथको हस्तस्पर्श करते समय पत्नी अपनी चार उंगलियोंसे स्पर्श करती है, अंगूठेसे क्यों नहीं ? और अन्य प्रश्नोंके उत्तर |
विवाहमें अग्निको साक्षि मानकर वर एवं वधूको कुछ बंधन बनाने होते हैं तथा दोनों अग्निको वचन देते हैं ।
पशुके स्तरपर न रहकर उच्चतम स्तरपर जाकर, विवाह जैसे रज-तमात्मक प्रसंगको भी सात्त्विक बनाकर, उन्हें अध्यात्मसे जोडकर देवताओंके कृपाशीर्वाद प्राप्त करनेका अवसर हिंदु धर्मने दिया है ।
‘विवाह’ जीवनका एक महत्त्वपूर्ण संस्कार है । धार्मिक संस्कारोंको केवल परंपरागत करनेकी अपेक्षा, उनके शास्त्रीय आधारको समझकर करना महत्त्वपूर्ण होता है । शास्त्रीय आधार समझनेसे वह संस्कार अधिक श्रद्धापूर्वक होता है ।