ईश्वर का दर्शन करने के लिए आनेवालों की संख्या में हुई प्रचंड वृद्धि और समस्या का उत्तर
सैकडों वर्ष पूर्व जब देवालयों का निर्माण किया गया, तब कुल जनसंख्या और दर्शन हेतु आनेवाले हिन्दुओं की संख्या मर्यादित थी । देवालय में दर्शन हेतु आनेवालों की संख्या को देखते हुए देवालय का आकार और रचना पूरक थी ।