दीपज्योति नमोस्तुते
पुरातन काल से ही दीप को सर्वत्र आदर एवं श्रद्धा का स्थान है । आज भले ही बिजली के आधुनिक उपकरणों से सर्वत्र रोशनाई की जगमगाहट होती हो; परंतु जो तेज दीप में है, वह उस कृत्रिम जगमगाहट में तनिक भी नहीं होता ।
पुरातन काल से ही दीप को सर्वत्र आदर एवं श्रद्धा का स्थान है । आज भले ही बिजली के आधुनिक उपकरणों से सर्वत्र रोशनाई की जगमगाहट होती हो; परंतु जो तेज दीप में है, वह उस कृत्रिम जगमगाहट में तनिक भी नहीं होता ।
वधु-वर की जन्मकुंडलियां मिलाने का महत्त्व, इसके साथ ही वैवाहिक जीवन आनंदमय होने के लिए क्या करना चाहिए, इस विषय में प्रस्तुत लेख !
दोनों हाथों के तलुवे एक-दूसरे के साथ जोडकर दोनों हाथों के अंगूठों का स्पर्श भ्रूमध्य के स्थान पर अर्थात दोनों भौवों के मध्य में करें ।
तनिक भी अहंभाव न रख नमस्कार करने से दोषों के पहाड भस्म हो जाते हैं, पतितजन पावन हो जाते हैं । लीनतापूर्वक नमस्कार कर शरणागत होने से भवसागर पार हो जाते हैं ।
पूजाघर में कुलदेवता, श्री गणपति, कुलाचार के अनुसार बालगोपाल, हनुमान एवं श्री अन्नपूर्णा रखें । इनके अतिरिक्त अन्य देवता जैसे शिव, दुर्गा समान किसी उच्चदेवता की उपासना करते हों, तो वह रखें ।
देवपूजा होने के उपरांत हम आरती करते हैं । आज भागदौड के युग में हम नियमित आरती नहीं कर पाते, तब भी शुभदिन अर्थात नवरात्री, दिवाली आदि के समय हम आरती करते ही हैं ।
देवद, पनवेल के सनातन आश्रम में रहकर सेवा करनेवाले श्री. भालचंद्र जोशी को सूझी प्रार्थनाएं इस लेख में प्रस्तुत कर रहे हैं !
आजकल की बुद्धिवादी स्त्रियां पति के निधन के उपरांत कुमकुम लगाती हैं, यह सोच कर कि इसमें कोई आपत्ति नहीं है । इस कृत्य से मृत पति की एवं उस विधवा की आध्यात्मिक स्तर पर हानि हो सकती है । इसलिए ‘हिंदू धर्म के विधिवत शास्त्र शुद्ध संस्कारों के पालन में ही हमारा कल्याण है’, यह समझकर धर्म के आगे अपनी बुद्धि न चलाकर धर्मपालन की ओर गंभीरता पूर्वक ध्यान दें ।’
धर्म सिखाता है कि मनुष्य-जन्म ईश्वरप्राप्ति के लिए है; इसलिए जन्म से लेकर मृत्यु तक प्रत्येक प्रसंग में ईश्वर के निकट पहुंचने के लिए आवश्यक उपासना कैसे की जाए, इसका मार्गदर्शन धर्मशास्त्र में किया गया है ।
इस संस्कार में विशिष्ट मंत्र एवं होमहवन से देह की शुद्धि कर, अध्यात्मशास्त्रीय दृष्टिकोण एवं आरोग्य की दृष्टि से समागम करना चाहिए, यह मंत्रों द्वारा सिखाया जाता है ।