‘कोरोना’ महामारी की पृष्ठभूमि पर शास्त्र के विधान के अनुसार निम्नांकित पद्धति से श्राद्धविधि करें !

पितृपक्ष में पितृलोक के पृथ्वीलोक के सर्वाधिक निकट आने से इस काल में पूर्वजों को समर्पित अन्न, जल और पिंडदान उन तक शीघ्र पहुंचता है ।

अन्य पंथ तो पूर्वजों के लिए कुछ नहीं करते, फिर उन्हें कष्ट नहीं होता है क्या ?

हिन्दू हो, मुसलमान हो अथवा ईसाई । जो भी शास्त्रों का पालन करेगा, उसे लाभ होगा । जो नहीं करेगा, उसकी हानि निश्‍चित है; परंतु अनेक पंथों में हिन्दू धर्म में वर्णित बातें अलग-अलग पद्धति से अपनायी जाती हैं ।

कोरोना महामारी के काल में श्री गणेशमूर्ति का आगमन, पूजन और विसर्जन !

वर्तमान में कोरोना और तत्सम आपातकाल में भी हिन्दू धर्म में धर्माचरण के कुछ विकल्प बताए हैं । वे विकल्प कौन-से हैं ? इस विषय में जानने के लिए ‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधि और सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस से भेंटवार्ता हुई ।

‘गणेशमूर्ति खडियामिट्टी की ही क्यों होनी चाहिए ?

‘धर्मशास्त्र के अनुसार खडियामिट्टी की मूर्ति पूजन करने पर आध्यात्मिक स्तर पर उसका अत्यधिक लाभ मिलता है’, ऐसा हिन्दू धर्मशास्त्रीय ग्रंथ में बताया गया है ।

आपात्काल में गणेशोत्सव कैसे मनाना चाहिए ?

‘आजकल पुरे विश्‍व में कोरोना महामारी के कारण सर्वत्र ही लोगों के बाहर निकलने पर अनेक बंधन लगे हैं । भारत के विविध राज्यों में भी यातायात बंदी (लॉकडाउन) लागू है ।

आपातकालीन स्थिति में ‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी’ की पूजा कैसे करें ?

‘कोरोना विषाणुओं से प्रभावित क्षेत्रों में जहां संचार बंदी (लॉकडाउन) है, वहां एकत्र आकर पूजा करना संभव नहीं होगा । प्रति वर्ष अनेक स्थानों पर ‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी’ का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है ।

अन्नसेवन यह एक ‘यज्ञकर्म’ है

हिन्दू धर्मशास्त्र में नामजप सहित सात्त्विक अन्नसेवन को ‘यज्ञकर्म’ कहा है । ‘यज्ञकर्म’ करने से अन्न सहज ही पच जाता है और प्राणशक्ति मिलती है ।

मनःशांति एवं निरोगी जीवन देनेवाली योगविद्या !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्रों में योगशास्त्र का महत्त्व जगभर के अन्य देशों के मन पर अंकित किया । अत: संयुक्त राष्ट्रों ने २१ जून को ‘आंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में घोषित किया

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है । सूर्य नमस्कार को एक संपूर्ण व्यायाम माना जाता है । जानिए, सूर्य नमस्कार का लाभ एवं वह कैसे करें ।