हनुमान जयंती निमित्त श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी का शुभसंदेश !
जिनका मंत्र ‘रामभक्ति’ तथा धुन ‘रामसेवा’ ही है, वे हनुमानजी हैं । प्रभु श्रीराम के राज्याभिषेक के पश्चात उनके श्रीचरणकमलों में बैठकर हनुमानजी ने अपने प्राणनाथ प्रभु से आर्तता से आगे दी हुई प्रार्थना की ।