‘फास्ट फूड’ और जंक फूड
बर्गर, पिज्जा, वेफर्स, चिप्स और अन्य ‘फास्ट फूड’ लोकप्रिय हैं । ‘फास्ट फूड’ बाह्यतः स्वाद में चटपटे लगते हैं, परंतु वे तमोगुणी होते हैं । उनके शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक दुष्परिणाम होते हैं ।
बर्गर, पिज्जा, वेफर्स, चिप्स और अन्य ‘फास्ट फूड’ लोकप्रिय हैं । ‘फास्ट फूड’ बाह्यतः स्वाद में चटपटे लगते हैं, परंतु वे तमोगुणी होते हैं । उनके शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक दुष्परिणाम होते हैं ।
हमारी संस्कृति में जिसका कोई स्थान नहीं, ऐसी चॉकलेट अनेक रोगों विशेषतः दांतों के अनेक रोगों की खान है । उसमें प्रयुक्त सैक्रीन का शरीर पर उससे भी अधिक भयंकर परिणाम होता है ! ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ने भी ‘सैक्रीन’को स्वास्थ्य के लिए, हानिकारक और घातक बताया है ।
कर्करोग और हृदयरोग रोकनेवाले एन्टी-ऑक्सिडेन्ट नामक पदार्थ केवल बिना दूध की चाय में है । दूध चीनी मिलाकर उबली चाय आयुर्वेद शास्त्रानुसार अग्निमंद करनेवाली (भूख अल्प करने में सहायक) है ।
सावधान मित्रो, यदि खाने-पीने की वस्तुआें के पैकेटों पर निम्नांकित कोड लिखे हैं, तो उसमें ये चीजें मिली हुई हैं – EE 322 – गाय का मांस
चावल पकाने की हमारी पारंपरिक पद्धति क्या है ? प्रथम चावल के १६ गुना पानी १०० सेंटीग्रेड पर उबालें ।…
अन्न प्राणस्वरूप है, उसे सम्मानपूर्वक ग्रहण करनेसे ही बल एवं तेजसमें वृद्धि होती है ।
नामजप कर भोजन आरंभ करें । भोजन करते समय भी नामजप करते रहें । समय-समयपर प्रार्थना भी करें ।
रंगोलीके माध्यमसे भूमितरंगों एवं शक्तितरंगोंका भोजनकी थालीके नीचे आच्छादन बन जानेसे भोजनके घटक पदार्थ भी इन तरंगोंसे पूरित हो जाते हैं । भोजनके माध्यमसे देहमें इन तरंगोंका संचार होकर पाचनप्रक्रियाको गति प्राप्त होकर देहमें इन तरंगोंका घनीकरण होता है ।
अन्न-सेवन एक यज्ञकर्म ही है । यह यज्ञकर्म, पूर्व दिशामें तेजकी शक्तिरूपी धारणाद्वारा पिंडमें संचारित करनेसे उसका कृत्यको गति प्रदान करनेमें उचित पद्धतिसे विनियोग हो सकता है ।
‘कर्ता-करावनहार ईश्वर ही हैं । उनके बिना मैं कुछ नहीं कर सकता । उनकी कृपासे ही यह अन्न मिला है। अतः जो भी मिला है, उसे सर्वप्रथम ईश्वरको प्रथम अर्पित करूंगा’, इस कृतज्ञ भावसे देवताको भोजनपूर्व नैवेद्य चढाया जाता है ।