वटसावित्री व्रत एवं व्रतका उद्देश्य
सावित्रीको अखंड सौभाग्यका प्रतीक माना जाता है । सावित्री समान अपने पतिकी आयुवृद्धिकी इच्छा करनेवाली सुहागिनोंद्वारा यह व्रत किया जाता है । यह एक काम्यव्रत है । किसी कामना अथवा इच्छापूर्तिके लिए किया जानेवाला व्रत काम्यव्रत कहलाता है ।