देवी की मूर्ति गिरने पर तथा भग्न होने पर क्या करें ?

मूर्ति भग्न हो जाना, यह आगामी संकट की सूचना होती है । इसलिए शास्त्र में घर तथा देवालय में विद्यमान भग्न मूर्ति का विसर्जन कर वहां नई मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा करने से पहले अघोर होम, तत्त्वोत्तारण विधि (भग्न मूर्ति में विद्यमान तत्त्व को निकालकर उसे नई मूर्ति में प्रस्थापित करना) इत्यादि विधियां करने के लिए कहा गया है ।

देवता को चित्र-विचित्र रूप में दिखाकर देवता की अवकृपा ओढ न लें !

धर्महानि रोकना कालानुसार आवश्यक धर्मपालन है और वह उस देवता की समष्टि स्तर की साधना ही है । बिना इस उपासना के देवता की उपासना पूर्ण नहीं हो सकती है ।

कागद की लुगदी से बनाई गई गणेशमूर्ति हानिकारक होने का वैज्ञानिकदृष्टि से भी प्रमाणित !

हाल ही में कथित पर्यावरणवादी कागद की लुगदी से बनाई जानेवाली श्री गणेशमूर्ति का समर्थन करते हैं, तथापि उसके कारण कितना प्रदूषण होता है, यह भी जान लेना आवश्यक है । 

मुंबई के कुछ मूर्तिकारों ने बनाई सूर्यफुल के बीज के साथ तथाकथित पर्यावरण के अनुकूल श्री गणेश मूर्ति!

त्यौहार और उत्सवों में प्रत्येक कृति आध्यात्मिक लाभ के लिए की जाती है, इस धर्मशिक्षा के अभाव के कारण हिन्दुओं को ध्यान में नहीं आता । गणेशोत्सव का आध्यात्मिक लाभ पाने के लिए भाविकों को शास्त्रीय पद्धति के अनुसार शाडू की श्री गणेशमूर्ति की स्थापना करनी चाहिए ।

श्री गणेशमूर्ति विसर्जन का विरोध करनेवाले ढोंगी सुधारकों की टोली का पशुवधगृह और अपशिष्ट जल (गंदे पानी) के कारण होनेवाले जलप्रदूषण की ओर अनदेखा !

नियंत्रक और महालेखापरीक्षक का आर्थिक वर्ष २०१०-११ (३१ मार्च २०११ को समाप्त हुआ आर्थिक वर्ष) के ब्यौरे में जलप्रदूषण के स्रोत के विषय में बताते हुए उन्होंने पशुवधगृहों का उल्लेख किया था । उसमें आगे दिए अनुसार कहा है ।

श्री गणेशभक्तो, क्या आप ये जानते हैं ?

श्री गणेश ब्रह्मांड की दूूषित शक्ति को आकर्षित करनेवाले हैं, इसके साथ ही मनुष्य की बुद्धि में विवेक निर्माण करनेवाले हैं । श्री गणेश की उपासना से विकल्पशक्ति प्रभाव नहीं डालती ।

गणेश मूर्ति विसर्जन से प्रदूषण होता है, ऐसा शोर मचानेवालों, अपशिष्ट जल (कारखानों इत्यादि का पानी) द्वारा होनेवाले भीषण जलप्रदूषण का विचार करें !

महाराष्ट्र की नगरपालिका और नगरपरिषद के क्षेत्रों में प्रतिदिन निर्माण होनेवाले अपशिष्ट जल, उस पर की जानेवाली प्रक्रिया और उसका निस्तारण, इस विषय की एक सारणी शासन ने ही प्रकाशित की है । यह सारणी फरवरी २०१४ की है । इससे आपके ध्यान में आएगा कि जलप्रदूषण गणेश मूर्ति के कारण होता है कि शासकीय अधिकारियों की कामचोरी के कारण ?

एकादशी व्रत

केवल पुण्यसंचय हो, इस सद्हेतु से एकादशी की ओर देखना अयोग्य है । एकादशी व्रत करने के सर्वंकश लाभ समाज, राष्ट्र और व्यक्ति को हुए हैं और होनेवाले हैं । हिन्दू धर्म के प्रत्येक माह में दो एकादशी आती हैं ।

लोकमान्य तिलक की प्रेरणा से आरंभ सार्वजनिक गणेशोत्सव का इतिहास और उससे मिली स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा !

पुणे के वैद्य खाजगीवाले ग्वालियर का सार्वजनिक गणेशपूजन को देखकर प्रभावित होना तथा अपने मित्रों से पुणे में सार्वजनिक गणेशोत्सव आरंभ करने के लिए कहना और सर्वसम्मति से पुणे में पहली बार सार्वजनिक गणेशमूर्ति बैठाना 

सनातन-निर्मित सात्त्विक श्री गणेश मूर्ति

श्री गणपतिके हाथकी लंबाई, मोटाई, आकार अथवा मुकुटकी कलाकृतियोंमें थोडा भी परिवर्तन करनेपर पूरे स्पंदन परिवर्तित हो जाते हैं ।