विदेश में प्राचीन हिन्दू संस्कृति के संकेतचिह्न
‘इंडोनेशिया एक द्वीपसमूह और मुसलमानबहुल राष्ट्र है, तब भी यहां पर महान हिन्दू संस्कृति की जडें गहरी पाईं गईं हैं ।
‘इंडोनेशिया एक द्वीपसमूह और मुसलमानबहुल राष्ट्र है, तब भी यहां पर महान हिन्दू संस्कृति की जडें गहरी पाईं गईं हैं ।
श्रीराम के जन्म के उपलक्ष्य में श्रीरामनवमी मनाई जाती है । इस दिन जब पुष्य नक्षत्रपर, माध्यान्हके समय, कर्क लग्न में सूर्यादि पांच ग्रह थे, तब अयोध्या में प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ ।
हिन्दुओं का वर्षारंभ वर्ष-प्रतिपदा को होता है । धर्मशास्त्र में वर्षारंभ के दिन सूर्योदय के तुरंत पश्चात ब्रह्मध्वज की पूजा करें । पाठकों के लिए शास्त्र के अनुसार किस प्रकार ब्रह्मध्वज की पूजा करनी चाहिए, इसकी यहां मंत्रसहित जानकारी दे रहे हैं जिस स्थान पर ब्रह्मध्वज खडा करना है, वहां ब्रह्मध्वज खडा कर उसकी पूजा करें ।
‘धार्मिक समारोह मनानेवाले और उसमें सहभागी होनेवाले, इन दोनों को जिससे आनंद और चैतन्य की अनुभूति होती है, उसे उत्सव कहते हैं ।
मंगलवार, शुक्रवार, कोजागरी पूर्णिमा, धनत्रयोदशी, यमदीपदान, देवदीपावली एवं श्री लक्ष्मीपूजनके शुभ प्रसंगमें लक्ष्मीतत्त्व की रंगोलियां बनाएं ।
विशेषकर मंगलवार एवं शुक्रवारके दिन देवीपूजनसे पूर्व तथा नवरात्रिकी कालावधिमें घर अथवा देवालयोंमें देवीतत्त्व आकृष्ट एवं प्रक्षेपित करनेवाली सात्त्विक रंगोलियां बनाएं ।
ऋषि अथवा मुनि कहनेपर हमारे हाथ अपनेआप जुड जाते हैं और मस्तक सम्मान से झुक जाता है । इस भरतखण्ड में कई ऋषियों ने विविध योगमार्गों के अनुसार साधना कर भारत को तपोभूमि बनाया है ।
हिन्दू इस त्योहार के प्रति लोगों में जागृति लाकर आज इस त्योहार को जो विकृत स्वरूप प्राप्त हुआ है, उसे रोकने हेतु प्रयास करें । हिन्दुओं को इस माध्यम से हमारे त्योहार और संस्कृति का सम्मान करने हेतु संगठित होना चाहिए ।
आषाढ मास में दीपयज्ञ करने की परंपरा है ।
नित्य उपासना में भाव अथवा सगुण तत्वकी, तथापि गणेशाेत्सव में आनंद अथवा निर्गुण तत्त्वकी रंगोलियां बनाएं ।