‘वस्त्र (पोषाक) आरामदायी है’, ऐसा ऊपरी-ऊपर विचार कर तमोगुण बढानेवाला जीन्स पैंट परिधान करने के स्थान पर सात्त्विकता बढानेवाली वेशभूषा परिधान करना सर्व दृष्टि से अधिक लाभदायी !
‘जैसा देश वैसा वेश’ ऐसी कहावत है । आज अपना पहनावा ‘फैशन’पर आधारित होता है । कभी-कभार परिवर्तन के लिए किया जानेवाला ‘फैशन’ही यदि प्रतिदिन की पसंद बन जाए, तो स्वास्थ्य समास्याएं कितनी भीषण हो जाती हैं, इसका उदाहरण है जीन्स