‘भाषसु मुख्या मधुरा दिव्या गिर्वाणभारती । ’
ऐसा कहा जाता है कि तंजावुर में विश्व का सबसे बडा शिलालेख इसप्रकार लिखा गया है कि सीधे पढने पर रामायण और उलटा पढने पर महाभारत !
ऐसा कहा जाता है कि तंजावुर में विश्व का सबसे बडा शिलालेख इसप्रकार लिखा गया है कि सीधे पढने पर रामायण और उलटा पढने पर महाभारत !
भारतवासियों पर अंग्रेजी भाषा का बढता प्रभाव और उसका परिणाम चिंता का विषय है । प्रस्तुत लेख से यह ध्यान में आता है कि विदेशी नागरिकों को संस्कृत भाषा का महत्त्व समझ में आया; किंतु स्वभाषा के अमूल्य एवं अलौकिक ज्ञान से भारतीय कितने अनभिज्ञ हैं ।
वैदिक संस्कृत मंत्रों के उच्चारण से स्मरणशक्ति बढती है, अमेरिका के एक समाचार-पत्र ने ऐसा दावा किया है । इस समाचार के अनुसार डॉ. जेम्स हार्टजेल नामक न्यूरो शोधकर्ता ने अमेरिका की एक मासिक पत्रिका में अपना यह शोध प्रकाशित किया है ।
माध्यमिक पाठशालाओं के स्तर पर संस्कृत की शिक्षा विशेष विषय के रूप में स्वीकारना अनिवार्य है । इससे विद्यार्थियों में देश की प्राचीन संस्कृति तथा अपने पूर्वजों के साहित्य के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न होगी । उनके मन और चरित्र पर सकारात्मक परिणाम होकर उनके शुद्ध ज्ञान में बढोतरी होगी ।
जनपद के मात्तूर गांव की भाषा संस्कृत होने से इस गांव के रहनेवाले मूल निवासियों में ३० प्राध्यापक बेंगळूरु, मैसूरु और मंगळूरु के विश्वविद्यालयों में संस्कृत पढा रहे हैं । विशेष बात यह कि इस गांव में प्रत्येक घर में न्यूनतम एक व्यक्ति संस्कृत का जानकार और तंत्रज्ञान क्षेत्र का अभियंता है ।
संस्कृत भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है । यह विश्व की सर्वाधिक वैज्ञानिक और पूर्ण लिपि है । यह लिपि लिखने और बोलने में किसी भी प्रकार की अडचन नहीं है ।
कठोर परिश्रम कर कंठस्थ किया गया विषय मस्तिष्क की किसप्रकार सहायता करता है, यह तंत्रिकाशास्त्र (न्यूरोसाईन्स) प्रमाणित करता है ।