गोपालन का महत्त्व !
पृथ्वी, आप, तेज, वायु एवं आकाश इन पंचमहाभूतों के आधार से सृष्टि की उत्पत्ति हुई और उसका चलन भी चल रहा है । गाय इन पंचमहाभूतों की माता है । काल के प्रवाह में उसकी ही अवहेलना होने से आज सर्वत्र सभी प्रकार का गंभीर प्रदूषण बढा है ।
पृथ्वी, आप, तेज, वायु एवं आकाश इन पंचमहाभूतों के आधार से सृष्टि की उत्पत्ति हुई और उसका चलन भी चल रहा है । गाय इन पंचमहाभूतों की माता है । काल के प्रवाह में उसकी ही अवहेलना होने से आज सर्वत्र सभी प्रकार का गंभीर प्रदूषण बढा है ।
शिवाजी विश्वविद्यालय के युवा शोधकर्ता छात्र प्रशांत सावळकर एवं ऋतुजा मांडवक ने देसी गीर गाय के मूत्र की (गोमूत्र की) सहायता से चांदी धातु का विघटन कर उससे रुपहले सूक्ष्म कण (नैनो पार्टिकल्स) तैयार किए हैं । इस शोध से यह बात सामने आई है कि ‘चांदी के यह अरबांश कण (सिल्वर नैनो पार्टिकल्स) वस्रोद्योग से बाहर निकलनेवाले अत्यंत विषैले पानी के शुद्धिकरण के लिए उपयोग किए जा सकते हैं ।
वैतरणी नदी की यात्रा को सुखद बनाने के लिए मृतक व्यक्ति के नाम वैतरणी गोदान का विशेष महत्व है ।
जुनागड कृषि विद्यापीठ के संशोधकों ने यह दावा किया है कि, गोमूत्र के कारण मुंह, यकृत, मूत्रपिंड, त्वचा तथा स्तन का कर्करोग ठीक हो सकता है । कृषि विद्यापीठ की श्रद्धा भट, रुकमसिंग तोमर तथा कविता जोशी ने पूरे वर्ष संशोधन कर यह निष्कर्ष निकाला है ।
हिन्दू धर्मशास्त्रों ने गाय, नदी और भारतभूमि को ‘देवी’ कहकर उन्हें माता का स्थान दिया है । इसलिए, प्रत्येक हिन्दू के लिए गोमाता पूजनीय है ।
गोसेवा से संतान प्राप्त होती है । गोबर का उपयोग खाद के रूप में करने से अन्नरूपी लक्ष्मी की प्राप्ति होती है । केवल दूध-घी ही नहीं; अपितु गोमूत्र भी आरोग्यदायी और रोगनाशक है ।
गोपियुष अर्थात प्रसूती पश्चात ४८ से ७२ घंटों में गाय द्वारा प्राप्त प्रथम दूध । गोपियुष और माता द्वारा प्राप्त पियुष में वैज्ञानिक दृष्टि से बहुत सी समानता पाई गई है । गोपियुष में रोगप्रतिकारक शक्ति और शरीर की सुदृढता के लिए आवश्यक ९० से अधिक पोषकतत्त्व हैं । गोपियुष सुदृढ मानवीय शरीर हेतु ईश्वरप्रदत्त अनमोल देन है ।
गुजरात सरकारद्वारा बनाए गए गौसेवा और गौचर विकास बोर्डद्वारा गाय के फायदे बताते हुए कहा गया है कि, गौमूत्र ‘शैतान और ड्रेकुला’ जैसे अनिष्ट शक्तीयों से बचाने के लिए काम आता है।
इस समाचार से गोमाता का कितना महत्व है यह ध्यान में आता है ! अब सरकारने गोरक्षा के लिए सक्त कानून बनाकर गोसंवर्धन करना चाहिए, ऐसी हिन्दुओंकी अपेक्षा है – सम्पादक मुंबई – गुजरात के गीर की गायों के मूत्र में सोना मिला है। चार वर्ष के संशोधन के बाद, जूनागढ कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों … Read more