यज्ञयाग का मनुष्य एवं पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पडता है ! – शोध के निष्कर्ष
हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि यज्ञयाग से मनुष्य का तनाव अल्प होने के साथ-साथ वातावरण के प्रदूषण का स्तर भी न्यून होता है ।
हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि यज्ञयाग से मनुष्य का तनाव अल्प होने के साथ-साथ वातावरण के प्रदूषण का स्तर भी न्यून होता है ।
गुरुदेवजी साधकों को सैद्धांतिक और प्रायोगिक दोनों अंगों की शिक्षा देकर इस कलियुग में भी साधकों से चार युगों की साधना करवाकर उन्हें पूर्णत्व तक पहुंचा रहे हैं । उसके लिए सनातन धर्म के महत्त्वपूर्ण और अभिन्न अंग ‘यज्ञसंस्कृति’ को आप पुनर्जीवित कर रहे हैं ।
अर्थ न जानते हुए वेदमंत्र पढनेवाला बिना पत्ते, पुष्प और फलों के वृक्षसमान शुष्क है, केवल भारवाही तथा खंभे समान है ।