मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में ग्यारहवी-बारहवीं सदी के मंदिरों से मिली २० दुर्लभ प्राचीन मूर्तियां !

पुरातत्व विभाग के तकनीकी दल ने मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के जावर तहसील के ग्राम वीलपान के समीप बसे देवबड़ला में परमाकालीन दो मंदिर ढूंढ निकाले हैं।

चैतन्यमयी गोदुग्ध, घी, गोमय एवं गोमूत्र का उपयोग कर विदेश में जानेवाला धन बचाएं !

गोसेवा से संतान प्राप्त होती है । गोबर का उपयोग खाद के रूप में करने से अन्नरूपी लक्ष्मी की प्राप्ति होती है । केवल दूध-घी ही नहीं; अपितु गोमूत्र भी आरोग्यदायी और रोगनाशक है ।

गोपियुष : सुदृढ मानवीय शरीर हेतु ईश्‍वरप्रदत्त अनमोल देन !

गोपियुष अर्थात प्रसूती पश्‍चात ४८ से ७२ घंटों में गाय द्वारा प्राप्त प्रथम दूध । गोपियुष और माता द्वारा प्राप्त पियुष में वैज्ञानिक दृष्टि से बहुत सी समानता पाई गई है । गोपियुष में रोगप्रतिकारक शक्ति और शरीर की सुदृढता के लिए आवश्यक ९० से अधिक पोषकतत्त्व हैं । गोपियुष सुदृढ मानवीय शरीर हेतु ईश्‍वरप्रदत्त अनमोल देन है ।

इस मुस्लिम देश में सदियों से जल रही मां भगवती की अखंड ज्योति !

वैष्णो देवी से लेकर कन्या कुमारी तक भारत में मां दुर्गा के बहुत से मंदिर हैं किंतु यदि किसी मुस्लिम देश में मंदिर मौजूद हो तो यह किसी आश्चर्य से कम नहीं है। रूस और ईरान के बीच में स्थित मुस्लिम देश अजरबैजान में सुराखानी नामक स्थान पर माँ भगवती का एक प्राचीन मंदिर स्थित है।

१००० वर्ष पहले बने थे यहां २६ मंदिर, अब ऐसे वीरान पडे हैं ध्वंस अवशेष !

आशापुरी स्थित मंदिर देखने में भले ही छोटे हों, परंतु इनको बनाने में २०० साल लगे हैं। इन ऐतिहासिक मंदिरों से जुड़ी जानकारी एसपीएस भोपाल और ब्रिटेन की कार्डिफ विश्वविद्यालय के वेल्स स्कूल ऑफ वास्तु-विद्या की समूह के अध्ययन में सामने आई है।

श्रीविष्णु

ईश्‍वरने प्रजापति, ब्रह्मा, शिव, विष्णु एवं मीनाक्षी, इन पांच देवताओंसे (तत्त्वोंसे) विश्‍वकी निर्मिति की । इन पांच देवताओंमें ईश्‍वरकी सर्व विशेषताएं हैं । श्रीविष्णुकी विशेषताएं आगे दिए अनुसार हैं ।

कुछ देवियों की उपासना की विशेषताएं

अंबाबाई एवं तुळजाभवानी ये जिनकी कुलदेवता होती हैं, उनके घर विवाह जैसी विधि के पश्चात देवी की स्तुति करते हैं । कुछ लोगों के यहां विवाह जैसे कार्य निर्विघ्न होने हेतु सत्यनारायण की पूजा करते हैं

देवीकी उपासना

पढीएं देवीमांको विशिष्ट फूल चढानेका शास्त्रीय आधार, देवीपूजनमें निषिद्ध फूल, देवीमांके लिए नैवेद्य बनाना, देवी मांकी आरती ।

संत ज्ञानेश्‍वर की कालावधि में ‘सांपसीढी’ का खेल ‘मोक्षपट’ के रूप में पहचाना जाता था : प्रा. जेकॉब, डेन्मार्क

मोक्षपट के दोनों ही पट २० x २० इंच आकार के हैं एवं उसमें ५० चौकोन हैं। उसमें प्रथम घर ‘जनम’ का जब कि अंतिम घर ‘मोक्ष’ का है जिसकेद्वारा मनुष्य के जीवन की यात्रा दर्शाई गई है। मोक्षपट खेलने हेतु सांपसीढी के समान ही ६ कौडियों का उपयोग किया गया है।

हिंदुत्व एक सामर्थ्यशाली संस्कृती है : डेविड फ्रॉली, अमेरिकी वैदिक शिक्षक

पद्म भूषण से सम्मानित अमेरिकी वैदिक टीचर डेविड फ्रॉली भारत में पंडित वामदेव शास्त्री के नाम से भी जाने जाते हैं। उनके पास योग और वैदिक विज्ञान में डी-लिट की उपाधि है। वह वेद, हिंदुत्व, योग, आयुर्वेद और वैदिक ज्योतिषी पर कई पुस्तके लिख चुके हैं।