मध्य प्रदेश के महान संत सर्वसंग परित्यागी प.पू. भुरानंदबाबा

इनमें से मध्य प्रदेश के प.पू. भुरानंदबाबा सनातन के प्रेेरणास्रोत संत भक्तराज महाराज के गुरुबंधु हैं । प.पू. भुरानंदबाबा का पारिवारिक जीवन, बचपन, गृहत्याग, गुरुभेंट, साधकों को इस संदर्भ में प्राप्त अनुभूतियां तथा उनके देहत्याग के विषय में आज उनके निर्वाणोत्सव के उपलक्ष्य में जान लेते हैं

गुजरात के संत पू. वसंतराव जोशी का परिचय एवं उनका जीवनकार्य !

पू. वसंतराव जोशी को बचपन से ही साधना में रूचि थी । वे ब्रह्मचारी थे । वे सदैव साधना के लिए घर से पहाडीपर भाग जाते थे ।

हर्षल, नेपच्युन तथा प्लुटो ये अंग्रेजी नामवाले ग्रह भारतीय ज्योतिषशास्त्र में कैसे ?

हर्षल, नेपच्युन तथा प्लुटो इन ग्रहों का शोध चाहे आधुनिक युग में किया गया हो; परंतु उससे पहले भी उनका अस्तित्व था और ग्रंथों में उनका उल्लेख भी मिलता है ।

वर्तमान बौद्ध राष्ट्र होते हुए भी भगवान श्रीविष्णु पर श्रद्धा दर्शानेवाले महाभारत और रामायण की घटनाआें पर आधारित कंबोडिया का पारंपरिक ‘अप्सरा नृत्य’ !

कंबोडिया ‘बौद्ध’ राष्ट्र होते हुए भी वहां के लोगों की भगवान श्रीविष्णु और भगवान शिव पर श्रद्धा है । कंबोडिया के लोग मानते है कि भगवान श्रीविष्णु उनके रक्षक हैं । इससे यह ध्यान में आया कि उन्हें गरुड, वासुकी, समुद्रमंथन, सुमेरू पर्वत, रामायण, महाभारत आदि हिन्दू धर्म से संबंधित नाम और उनका महत्त्व उन्हें ज्ञात है ।

सप्तलोक की संकल्पना पर आधारित और प्रगत स्थापत्य शास्त्र का नमुना : इंडोनेशिया का प्रंबनन् अर्थात परब्रह्म मंदिर !

१५ वीं शताब्दी तक इंडोनेशिया में हिन्दू राजाआें का राज्य था । किसी समय विश्‍वभर में फैली हिन्दू संस्कृति के अध्ययन के लिए महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय की ओर से सद्गुरु(श्रीमती) अंजली गाडगीळ सहित ४ विद्यार्थी साधक इंडोनेशिया की यात्रा पर थे ।

कल्याण का ऐतिहासिक त्रिविक्रम देवस्थान तथा हिन्दुआें को एकसंध रखनेवाले वैकुंठ चतुर्दशी का महत्त्व !

कार्तिक शुद्ध चतुर्दशी को वैकुंठ चतुर्दशी के नाम से तथा इस मास की पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है ।

मनुष्य को २३ पवित्र तीर्थस्थलों के दर्शन का पुण्य प्रदान करनेवाली अमरनाथ यात्रा !

श्री अमरनाथ हिन्दुआें का मुख्य तीर्थक्षेत्र है । प्राचीन काल में उसे अमरेश्वर के नाम से जाना जाता था ।

सतना (मध्यप्रदेश) स्थित प्रसिद्ध श्री शारदा देवी शक्तिपीठ !

सतना, मध्यप्रदेश स्थित रामगिरि पर्वत पर श्री शारदा देवी का मंदिर है । श्री विष्णु ने शिव की पीठ पर विद्यमान माता सती की निष्प्राण देह के सुदर्शन चक्र से ५१ टुकडे किए । जहां जहां वे गिरे, वहां शक्तिपीठ निर्मित हुआ । यहां सती देवी का दाहिना स्तन गिरा था ।

कश्मीरी संस्कृति का भारतीयता !

पांचों खंडों और भूमंडल में पवित्रतम भूमि है, भारतवर्ष ! अनेक ऋषि-मुनियों, अवतारों और विद्वज्जनों के पावन स्पर्श ने इस भारतभूमि को गौरवशाली बनाया है ।