सीतामाता तथा हनुमानजी के पदस्पर्श से पवित्रत तथा केवल दर्शनमात्र से भाव जागृत करनेवाली श्रीलंका की अशोक वाटिका !
रामायण में जिस भूभाग को लंका अथवा लंकापुरी कहा गया है, वह स्थान आज का श्रीलंका देश है । त्रेतायुग में श्रीमहाविष्णुजी ने श्रीरामावतार धारण किया तथा लंकापुरी जाकर रावणादि असुरों का नाश किया । इस स्थानपर युगों-युगों से हिन्दू संस्कृति ही थी ।