पांडुरंग एवं एकादशी की महिमा !
आषाढ एवं कार्तिक माह के शुक्लपक्ष में आनेवाली एकादशी के समय श्रीविष्णु का तत्त्व पृथ्वीवर अधिक मात्रा में आने से श्रीविष्णु से संबंधित ये दो एकादशियों का महत्त्व अधिक है ।
आषाढ एवं कार्तिक माह के शुक्लपक्ष में आनेवाली एकादशी के समय श्रीविष्णु का तत्त्व पृथ्वीवर अधिक मात्रा में आने से श्रीविष्णु से संबंधित ये दो एकादशियों का महत्त्व अधिक है ।
१. व्युत्पत्ति एवं अर्थ अ. व्युत्पत्ति डॉ. रा.गो. भांडारकर कहते हैं कि ‘विष्णु’ शब्द का कन्नड अपभ्रंशित रूप ‘बिट्टि’ होता है तथा इस अपभ्रंश से ‘विठ्ठल’ शब्द बन गया । आ. अर्थ १. ईंट ठल (स्थल) = विठ्ठल अर्थ : जो ईंटपर खडा होता है, वह विठ्ठल है । २. h 5 > अर्थ : जो अज्ञानी … Read more
मूर्ति की कमर का नीचला भाग ब्रह्मास्वरूप, कमर से लेकर गर्दनतक का भाग श्रीविष्णुस्वरूप, तो मस्तक का भाग शिवस्वरूप है ।