सनातन धर्म अनेक रूपों में ईश्वर को पूजता है, ऐसा क्यों ?
हिन्दू धर्म में परमेश्वर, ईश्वर, अवतार तथा देवता ऐसी संकल्पना है । ‘ईश्वर’ शब्द सामान्यतः जगन्नियंता, सृष्टि-स्थिति-प्रलय के कर्ता, सर्वव्यापक, सर्वांतर्यामी और देवाधिदेव आदि अर्थों से उपयोग किया जाता है । प्रत्यक्ष में ईश्वर एक ही हैं, तथा वह निर्गुण, निराकार हैं ।