रामकृष्ण परमहंस 

रामकृष्ण परमहंस भारत के एक महान संत थे। संत रामकृष्ण परमहंस का जन्म १८ फ़रवरी १८३६ को बंगाल प्रांत स्थित कामारपुकुर ग्राम में हुआ था।

भक्तोंपर अखंड कृपाछत्र रखनेवाले प.पू. भक्तराज महाराज !

  अनुक्रमणिका१. त्रैलोक्य के योगीराज अवतरित हुए धरतीपर ।२. संत भक्तराज महाराज द्वारा शिष्यावस्था में तडप के साथ की गई गुरुसेवा३. संत भक्तराज महाराज के जीवन की त्रिसूत्री : भजन, भ्रमण एवं भंडारा !३ अ. भजन३ आ. भ्रमण३ इ. भंडारा४. भक्तों से समरस संत भक्तराज महाराज !५. माया में होते हुए भी वैराग्‍यभाव में रहनेवाले … Read more

भजन, भंडारों और नामस्मरण के माध्यम से अध्यात्म सिखानेवाले संत भक्तराज महाराज !

७.७.२०१९ से संत भक्तराज महाराज ने १००वें वर्ष में पदार्पण किया है । (यह दिन संत भक्तराज महाराज का १००वां जन्मदिवस) उन्हींकी कृपा से प्रेरणा लेकर उनके सभी भक्तों ने सर्वसम्मति से इस वर्ष को उनके शताब्दी वर्ष में मनाने का सुनिश्‍चित किया है ।

बचपन से ही कठोर साधना कर दिव्य तेज प्राप्त किए हुए और श्रीराम मंदिर का निदिध्यास रखनेवाले प.पू. भगवानदास महाराज !

कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्दशी (११.११.२०१९) को पानवळ, बांदा (जनपद सिंधुदुर्ग, महाराष्ट्र) के प.पू. भगवानदास महाराज (प.पू. दास महाराज के पिता) का स्मृतिदिवस था । उसके उपलक्ष्य में यह लेख प्रकाशित कर रहे हैं ।

दृष्टिहीन संत सूरदासजी की भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अनन्य भक्ति के दर्शन !

‘सूरदासजी ने प्रभु श्रीकृष्ण की नित्यनूतन पदों से शब्दपूजा करने का अपना नित्यक्रम जारी रखा । एक दिन पुजारी, अर्चनक (पूजा करनेवाला) और गोस्वामी के बच्चों में सूरदासजी की अद्भुत प्रतिभा के बारे में चर्चा प्रारंभ हुई ।

कर्नाटक के श्रीसंस्थान हळदीपुर के मठाधिपती प.पू. श्री श्री वामनाश्रम स्वामीजी की साधकों के ध्यान में आईं गुणविशेषताएं !

‘हळदीपुर (जनपद उत्तर कन्नड), कर्नाटक के श्रीसंस्थान हळदीपुर के मठाधिपती प.पू. श्री श्री वामनाश्रम स्वामीजी ने १९.९.२०१९ को सनातन के रामनाथी आश्रम का अवलोकन किया ।

संत जनाबाई की श्रेष्ठ ईश्‍वरभक्ति दर्शानेवाले तथा भावविभोर करनेवाले अभंग !

जनाबाई स्वयं को ‘नामदेवजी की दासी’ कहलवाती थीं । विठ्ठलचरणी संपूर्ण जीवन समर्पित की हुईं जनाबाई ने देहभान भूलकर दिन-रात संत नामदेवजी के घर में सेवा की ।

मनुष्यजन्म का सार्थक करने का उपदेश देनेवाले संत नामदेवजी के अभंग (भक्तिगीत)

श्रीविठ्ठलजी की अनन्यभाव से भक्ति करनेवाले भक्तशिरोमणि संत नामदेव महाराज ! उनके स्मृतिदिवस के उपलक्ष्य में पंढरपुर के उनके निवास में स्थित विठ्ठलजी की भूर्तियों का भावपूर्ण दर्शन करेंगे ।

साधकों को ज्ञान देने की तडपवाले जगद्गुरु योगऋषी डॉ. स्वामी सत्यप्रकाशजी !

रामनाथी आश्रम में स्वामीजी ने योग, संगीत आदि विषयोंपर मार्गदर्शन किया । उन्हों ने किस विषयपर मार्गदर्शन करना है, यह स्वयं सुनिश्‍चित न कर उसे संबंधित साधकों के पूछ लिया ।