गुरुकुल शिक्षापद्धति
आजतक आपने अनेक बार भारत की प्राचीन गुरुकुल शिक्षापद्धति के विषय में सुना होगा । इस पद्धति की शिक्षा के विषय में हमें इतना ही पता होता है कि इसमें गुरु के घर जाकर अध्ययन करना पडता है ।
आजतक आपने अनेक बार भारत की प्राचीन गुरुकुल शिक्षापद्धति के विषय में सुना होगा । इस पद्धति की शिक्षा के विषय में हमें इतना ही पता होता है कि इसमें गुरु के घर जाकर अध्ययन करना पडता है ।
भारतीय शोधकर्ताओं ने हडप्पा सभ्यता से जुडे प्रमुख स्थल धोलावीरा में रडार तकनीक से भूमि के नीचे छिपी अनेक पुरातात्विक विशेषताओं का पता लगाया है, जो यह संकेत करती हैं कि हडप्पा के लोगों को हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग में महारत प्राप्त थी !
‘वर्तमान में कोरोना विषाणुओं के कारण संपूर्ण जगत में उथल-पुथल मच गई है । इस विषाणु ने सभी को दहला दिया है ।
ऐतिहासिकदृष्टि से देखने पर दक्षिण-पूर्व एशिया भाग पर प्राचीन भारतीय संस्कृति की पकड थी । इसलिए थायलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, फिलिपीन्स, कंबोडिया, व्हिएतनाम जैसे असंख्य अधिराज्य समृद्धशाली हुए ।
चितगांव जिले में निसर्गरम्य स्थान पर पहाडी की तलहटी में बसे सीताकुंड नामक गांव में एक शक्तिपीठ है । यहां की दुर्गादेवी को भवानी देवी कहते हैं । सीताकुंड में माता सती का दायां हाथ गिरा था ।
श्रीलंका के पंचशिव क्षेत्रों में ‘केतीशवरम’ विख्यात है । यह उत्तर श्रीलंका के मन्नार जनपद के मन्नार नगर से १० कि. मी. की दूरी पर है ।
मुन्नीश्वरम ग्राम श्रीलंका के पुत्तलम जनपद में है । तमिल में ‘मुन्न’ अर्थात ‘आदि’, तथा ‘ईश्वर’ अर्थात ‘शिव’ ।
सनातन संस्था में ‘गुरु की ओर तत्त्व के रूप में देखें’ की शिक्षा दी जाती है । अतः साधक उसे मार्गदर्शन करनेवाले संतों की ओर अथवा अन्य सहसाधकों की ओर तत्त्व के रूप में देखता है
‘जल का महत्त्व, उसका शोध तथा उसका नियोजन, इसका संपूर्ण विकसित तंत्रज्ञान हमारे देश में था । कुछ सहस्त्र वर्ष पूर्व हम वह प्रभावी पद्धति से उपयोग कर रहे थे तथा उसके कारण हमारा देश वास्तव में ‘सुजलाम् सुफलाम्’…
मलेशिया का नाम पहले मलक्का था । उस समय में वहां का सुल्तान राजा परमेश्वरा अपनी नई राजधानी की खोज करते-करते मलक्का गांव के पास आया ।