इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर कपूर के वृक्षों की खोज में दुर्गम प्रवास
हमारे दक्षिण-पूर्व राष्ट्रों के दौरे पर जानकारी मिली की इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर कपूर के वृक्ष हैं और उससे शुद्ध भीमसेनी कपूर मिलता है ।
हमारे दक्षिण-पूर्व राष्ट्रों के दौरे पर जानकारी मिली की इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर कपूर के वृक्ष हैं और उससे शुद्ध भीमसेनी कपूर मिलता है ।
‘अगुंग पर्वत’ अर्थात धधकता और निरंतर जागृत ज्वालामुखी ! यहां प्रत्येक ५-१० मिनटों में राख का विस्फोट होता है । ३ सहस्र १०५ मीटर ऊंचे पर्वत पर यह ज्वालामुखी गत वर्षभर से जागृत है । इसलिए अनेक बार बाली द्वीप पर आपातकालीन स्थिति निर्माण हुई है । बाली में हिन्दू इस पर्वत को पवित्र मानते हैं ।
काल की साक्ष्य में मंदिरों की रचना करने से आज अनेक शताब्दियां बीत जाने पर भी ये सर्व मंदिर शान से खडे हैं । उनके सौंदर्य का दर्शन करते हुए आंखें फटी रह जाती हैं और उनके वर्णन के लिए शब्द कम पड जाते हैं ।
भारत से दूर इंडोनेशिया में वहां के लोगों ने अभी तक रामायण नृत्यनाटिका के माध्यम से राम के आदर्शों को संजोया है । रामायण वास्तव में घटित हुए अनेक युग बीत गए; परंतु विश्व में अनेक स्थानों पर अलग-अलग रूप में रामायण की कथा बताई जाती है ।
विज्ञान नहीं, अपितु अध्यात्म ही मानव की खरी उन्नति कर सकता है और उसे आनंद और शांति दे सकता है । महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे अध्यात्म के प्रसार का परिचय करवाने और अन्यों को इसमें सम्मिलित करने के लिए हमारी यात्रा चल रही है ।
एक समय जहां समुद्रमंथन हुआ था, वह भूभाग आज का इण्डोनेशिया है ! १५ वीं शताब्दी तक इण्डोनेशिया में श्रीविजय, मातरम्, शैलेंद्र, संजया, मजपाहित जैसे हिन्दू राजाओं का राज्य था । पश्चात, मुसलमानों के आक्रमण से वहां की भाषा और संस्कृति में परिवर्तन हुआ ।
१५ वीं शताब्दी तक इंडोनेशिया में हिन्दू राजाआें का राज्य था । किसी समय विश्वभर में फैली हिन्दू संस्कृति के अध्ययन के लिए महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की ओर से सद्गुरु(श्रीमती) अंजली गाडगीळ सहित ४ विद्यार्थी साधक इंडोनेशिया की यात्रा पर थे ।
इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर ८७ प्रतिशत लोग हिन्दू हैं । बाली के मंदिरों को ‘पूरा’ नाम से जाना जाता है । उनमें पूरा बेसाखी, पूरा तीर्थ एंपूल, पूरा तनाह लोट और पूरा उलुवातू प्रमुख हैं । आज हम उनमें से पूरा तीर्थ एंपूल, पूरा तनाह लोट और पूरा उलुवातू , इन मंदिरों की जानकारी लेंगे ।
इंडोनेशिया के लोग विविध प्रकार की विशेषतापूर्ण बाटिक नक्काशीवाले कपडों में घूमते हुए दिखाई देते हैं । इस विषय में अधिक जानकारी लेते समय यह ध्यान में आया कि प्रत्येक प्रकार की नक्काशी का एक अलग अर्थ तथा अलग महत्त्व होता है ।
विश्व में ऐसे अनेक देश हैं, जिनके पोस्ट के टिकटों पर, चलन के नोटों पर, हिन्दू देवताओं के चित्र हमें देखने मिलते हैं । श्रीलंका, थाइलैंड, इंडोनेशियाआदि देशोंं में आज भी हमें रामायण से संबंधित हिन्दू देवताओं पर आधारित चित्रवाले पोस्ट के टिकट, पोस्टकार्ड दिखाई देते हैं ।