स्वभावदोषरूपी शत्रुओं से संघर्ष हेेतु स्वसूचना सत्र करना आवश्यक ! – श्रीमती सविता लेले, सनातन संस्था

आज के इस कलियुग में अपने स्वयं के अंतर्गत तथा बाहर के स्वभावदोषरूपी शत्रुओं से संघर्ष करना है और इसके लिए स्वभावदोष एवं अहंनिर्मूलन प्रक्रिया अपनाना आवश्यक है ।

आजरा (जनपद कोल्हापुर, महाराष्ट्र) की ग्रामबैठक में युवक और महिलाआें का उत्स्फर्त सहभाग

देवताआें का अनादर, संतों के विरुद्ध झूठे आरोप लगाकर उन्हें कारागृह में डाल देना, बलपूर्वक धर्मांतरण ऐसी घटनाआें को रोकने के लिए हिन्दुआें का संगठन तथा धर्मशिक्षा की आवश्यकता है ।

‘कोची इंटरनैशनल बुक फेयर’ में सनातन के ग्रंथप्रदर्शनी का जिज्ञासुआें द्वारा उत्स्फूर्त प्रत्युत्तर !

‘कोची इंटरनैशनल बुक फेयर’ में सनातन संस्था द्वारा प्रकाशित धर्म, अध्यात्म, आयुर्वेद, बालसंस्कार, स्वभावदोष एवं अहं निर्मूलन आदि विषयोंपर आधारित ग्रंथो की प्रदर्शनी लगाई गई ।

नवरात्रि निमित्त ग्रंथप्रदर्शनियों का आयोजन

वाराणसी के शिवपुर स्थित अष्टभुजी माता मंदिर में नवरात्रि के अवसर पर ग्रंथ तथा धर्म शिक्षा देनेवाली फ्लेक्स प्रदर्शनी लगाई गई । जिससे अनेक जिज्ञासु लाभान्वित हुए ।

धनबाद (झारखंड) के शक्ति मंदिर में सनातन संस्था की प्रदर्शनी !

समाज के सभी को धर्मशिक्षा मिले इस महत उद्देश्य को लेकर सनातन संस्था द्वारा देशभर के कई स्थानों में सनातन संस्था द्वारा प्रकाशित ग्रंथ एवं सात्विक उत्पादनों की प्रदर्शनी लगायी जाती है !

साधना समझ लेकर उसके अनुसार आचरण करना ही धर्माचरण है ! – श्रीमती सुनीता पाटिल, सनातन संस्था

हिन्दुआें के लिए ऋषिमुनियों द्वारा किए गए व्यापक अध्ययन का, साथ ही ग्रंथलेखन का कोई महत्त्व नहीं है ।

हिन्दू संगठन हेतु स्वयं में विद्यमान स्वभावदोष तथा अहं का निर्मूलन आवश्यक ! – सद्गुुरु नंदकुमार जाधवजी, सनातन संस्था

हिन्दू संगठन का कार्य करते समय हिन्दुत्वनिष्ठों को आचारसंहिता का पालन करना आवश्यक है ।

कलियुग मे हमारे ही स्वभावदोषों से हमारा संघर्ष है ! – श्रीमती सविता लेले, सनातन संस्था

त्रेतायुग में श्रीरामजी ने रावणवध हेतु श्रीलंका जाकर युद्ध किया द्वापरयुग में दो परिवारों में युद्ध हुआ और इस कलियुग में हमारा संघर्ष हममें विद्यमान स्वभावदोषों से चल रहा है ।

हिन्दुत्व का सच्चा कार्यकर्ता बनने के लिए अध्यात्म सीखें तथा साधना करें ! – श्री. चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था

आजकल हिन्दुत्व का कार्य करनेवाले कार्यकर्ताआें को हिन्दू धर्म में विद्यमान अध्यात्म का कोई ज्ञान नहीं होता ।

त्रिचूर (केरल) में सनातन की ओर से स्वभावदोष तथा अहंनिर्मूलन के विषय में जिज्ञासुआें का मार्गदर्शन

केरल के त्रिचूर जिले में सनातन की ओर से जिज्ञासुआें के लिए व्याख्यान लिया गया ।