समाज में विद्यमान दुष्प्रवृत्तियों का वैधानिक पद्धति से निर्दालन करें ! – श्रीमती दीक्षा पेंडभाजे, सनातन संस्था
आनंदी जीवन के लिए साधना की प्रमुख नींव स्वभावदोष तथा अहंनिर्मूलन प्रक्रिया कैसे और क्यों अपनानी चाहिए ?, इस विषय में मार्गदर्शन किया ।
आनंदी जीवन के लिए साधना की प्रमुख नींव स्वभावदोष तथा अहंनिर्मूलन प्रक्रिया कैसे और क्यों अपनानी चाहिए ?, इस विषय में मार्गदर्शन किया ।
देवभूमि जनकल्याण ट्रस्ट द्वारा आयोजित हिन्दुसंगठन बैठक में सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस मार्गदर्शन कर रहे थे । उस समय उन्होंने यह मार्गदर्शन किया कि, ‘भारतीय जनतंत्र में अनेक त्रुटियां हैं । इन त्रुटियों के कारण समाजव्यवस्था ठीक रखना असंभव रहता है ।
हिन्दू संस्कृति में निहित प्रत्येक त्योहार, उत्सव और व्रत पर्यावरणपूरक तथा आध्यात्मिक उन्नति के लिए पोषक हैं; परंतु सर्वसामान्य लोगों को त्योहार-उत्सवों का धर्मशास्त्र ज्ञात न होने से इन उत्सवों में अप्रिय घटनाआें की घुसपैट होने का दिखाई देता है ।
चंद्रभागा नदी की स्वच्छता के विषय में अनेक समस्याएं हैं । इस विषय को लेकर हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से नगर परिषद के मुख्याधिकारी श्री. अभिजीत बापट को निवेदन सौंपा गया ।
‘आगामी आपातकाल में तथा युद्ध कालावधी में सज्जन, साधक एवं संतों की रक्षा करने हेतु अपना आध्यात्मिक बल वृद्धिंगत हो; इसलिए स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया का सराव (प्रक्टीस) नियमित करना आवश्यक है ।
महाराणा युवा संघ के आगामी योजनाआें को लेकर आयोजित मासिक बैठक में हिन्दू जनजागृति समिति को भी आमंत्रित किया गया । इस बैठक में समिति के मध्यप्रदेश और राजस्थान समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने हिन्दू धर्म की महानता के विषय में जानकारी दी और आचरण से हिन्दू बनने के विषय में उपस्थित कार्यकर्ताआें का उद्बोधन किया ।
नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक श्री. दत्तात्रय कराळे ने इस वर्ष के गणेशोत्सव में पुलिस मुख्यालय में शास्त्रसंमत एवं पर्यावरणपूरक खडिया मिट्टी के गणेशमूर्ति की प्रतिष्ठापना करने का निर्णय लिया।
स्रोत : पाक्षिक सनातन प्रभात
ऋषि-मुनियों और संत-महंतों ने धर्मशास्त्र को आधारस्तंभ मानकर समाज, राष्ट्र और धर्म की उन्नति का मार्ग दिखाया । सनातन संस्था उसके अनुसार ही कार्य करनेवाली अग्रणी संस्था है । संस्था अध्यात्मप्रसार के साथ ही समाज सहायता, राष्ट्ररक्षा और धर्मजागृति के लिए भी विविध उपक्रम क्रियान्वित करती है ।
आज यदि राष्ट्र बचा, तो समाज बचेगा एवं समाज बचा, तो हम बच सकते हैं । देश के सामने आए अनेक संकट एवं स्त्रियों पर बढते अत्याचारों को प्रतिबंधित करना है, तो ’हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करना अपरिहार्य है । सनातन संस्था की जिलासेविका श्रीमती पल्लवी लांजेकर ने ऐसा प्रतिपादित किया ।