अभिव्यक्तिस्वतंत्रता की दिशा भारतविरोधी शक्तियों ने निर्धारित की है ! – चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था
हिन्दू धर्म दुराचार को अधर्म मानता है । विश्वकल्याण की भावना से काम करना भी धर्म है । योग्य कृति को ही धर्म कहा गया है । अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के नाम पर अन्यों को पीडा देना, अधर्म है । अभिव्यक्ति स्वातंत्रता की मुख्य अडचन यह है कि अभिव्यक्ति स्वतंत्रता अथवा स्वैराचार ?