प्रथमोपचार प्रशिक्षण के साथ हिन्दु राष्ट्र की स्थापना हेतु वैद्यकीय क्षेत्र में व्यापक संगठन करें ! – सद्गुरु (श्रीमती ) बिंदा सिंगबाळ
‘आगामी आपातकाल में तथा युद्ध कालावधी में सज्जन, साधक एवं संतों की रक्षा करने हेतु अपना आध्यात्मिक बल वृद्धिंगत हो; इसलिए स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया का सराव (प्रक्टीस) नियमित करना आवश्यक है ।