लोकतांत्रिक व्यवस्था में संतों को किसी भी प्रकार के वैधानिक अधिकार न होना ही लोकतंत्र के अधःपात का कारण ! – चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था

प्राचीन काल में भारत में राजा को राजगुुरु तथा विद्वत्सभा के माध्यम से संतपरंपरा द्वारा सदाचार तथा नैतिकता की शिक्षा दी जाती थी । इस परंपरा को धर्मनिष्ठ विद्वत्सभा की मान्यता थी ।

पांढरकवडा (जनपद यवतमाळ) में सनातन संस्था निर्मित धर्मरथ के माध्यम से विहंगम धर्मप्रसार !

पांढरकवडा (जनपद यवतमाळ, महाराष्ट्र) यहां के दत्त चौकपर स्थित श्री दत्त मंदिर में २८ फरवरी को सनातन संस्था द्वारा प्रकाशित अमूल्य ग्रंथ तथा सात्त्विक उत्पादों की प्रदर्शनीवाला धर्मरथ लगाया गया ।

डोंबिवली : श्री सिद्धिविनायक मंदिर भ्रष्टाचार के संबंध में जनजागृति करने हेतू बैठक का आयोजन; सनातन संस्था का सहभाग

श्री सिद्धिविनायक मंदिर न्यास में पूर्व न्यासियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के विरुद्ध जनजागृति तथा हिन्दूसंगठन के उद्देश्य से शास्त्रीनगर के महाराणा प्रताप विद्यालय में हिन्दुत्वनिष्ठों के साथ बैठक की गई । इस बैठक में २० हिन्दुत्वनिष्ठ सम्मिलित हुए ।

ब्रह्मपुर (बर्‍हाणपूर) में शिवजयंति के कार्यक्रम में सनातन संस्था सम्मिलित

यहां के मराठा समाज मंडल, शिवाजीनगर की ओर से तिथीनुसार उत्सव का आयोजन किया गया था । कार्यक्रम के लिए प्रमुख वक्ता उज्जैन के पूर्व संघप्रचारक श्री. आशिष शुक्ल, सनातन की साधिका श्रीमती विमल कदवाने, कु. साक्षी शिंदे, चि. नकुल शिंदे के साथ मंडल के अध्यक्ष श्री. मधुकर कदम, श्री. दिलीप दिवेकर तथा कार्यकर्ता अधिक संख्या में उपस्थित थे ।

रंगपंचमी की कालावधी में होनेवाले अपप्रकारों के विरुद्ध जनजागृति; सनातन संस्था द्वारा प्रशासन को निवेदन प्रस्तुत

हिन्दू जनजागृति समिति के नेतृत्व में मिरज के नायब तहसीलदार वी.वी. पिलारे को निवेदन प्रस्तुत किया गया । निवेदन द्वारा यह मांग की गई कि, ‘गत कुछ वर्षों से रंगपंचमी का कारण आगे कर नशीली पदार्थों का सेवन करने के लिए रेव पार्टियों का आयोजन किया जा रहा है ।

धमतरी (छत्तीसगड) : धर्मजागर समन्वय विभाग द्वारा आयोजित धर्मसभा में सनातन संस्था का उत्स्फूर्त सहभाग !

श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर ने यह प्रतिपादित किया कि, ‘१०० करोड हिन्दुओं के देश मे हिन्दुओं की भावनाओं को कुछ भी महत्त्व न होने के कारण हिन्दु धर्म पर पृथक संकट आ रहे हैं । गोहत्या, लव जिहाद, आतंकवाद के समान समस्याओं के कारण हिन्दुओं की अवस्था बिकट हुई है ।

धर्म की रक्षा करना भी धर्माचरण ही है ! – श्री. चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था

‘सुख का मूल धर्म के आचरण में है तथा धर्म का आचरण करने के साथ उसकी रक्षा करने के प्रयास करना भी धर्माचरण ही है । धर्म यह कहता हैै कि, मनुष्यजन्म की सार्थकता ईश्वरप्राप्ती में है; इसलिए हमें ईश्वरप्राप्ती के लिए प्रतिदिन साधना करनी चाहिए ।’

पुुणे में सनातन संस्थाद्वारा खडकवासला जलाशय रक्षा अभियान सफलतापूर्वक संपन्न !

हिन्दू संस्कृति में निहित प्रत्येक त्योहार, उत्सव और व्रत पर्यावरणपूरक तथा आध्यात्मिक उन्नति के लिए पोषक हैं; परंतु सर्वसामान्य लोगों को त्योहार-उत्सवों का धर्मशास्त्र ज्ञात न होने से इन उत्सवों में अप्रिय घटनाआें की घुसपैट होने का दिखाई देता है ।

वणी में सनातन संस्था निर्मित धर्मरथ के माध्यम से विहंगम अध्यात्मप्रसार !

यहां के श्री साईमंदिर के सामने सनातन संस्था द्वारा प्रकाशित अमूल्य ग्रंथ तथा सात्त्विक उत्पादों के धर्मरथ की प्रदर्शनीयां लगाई गईं । धर्मकार्य के प्रति रूचि रखनेवाले निर्दलीय पार्षद श्री. धनराज भोंगळे ने श्रीफल समर्पित कर इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया ।

जळकोट (जनपद नांदेड) में सनातन संस्था की ओर से भागवत सप्ताह में मार्गदर्शन

यहां के सनातन संस्था के हितचिंतक तथा विज्ञापनदाता, साथ ही जळकोट पंचायत समिति के निर्माण विभाग के सभापति श्री. रमाकांत रायवार द्वारा आयोजित भागवत सप्ताह में सनातन संस्था की श्रीमती अनिता बुणगे को मार्गदर्शन के लिए आमंत्रित किया गया था ।