सनातन संस्था की ओर से चेन्नई के भारत हिन्दू मुन्नानी के कार्यालय में विशेष सत्संग
सनातन की ओर से श्रीमती सुगंधी जयकुमार ने महिला जिज्ञासुओं का ‘साधना का महत्त्व, नामजप, आचारधर्म तथा समष्टि सेवा का महत्त्व’ विषयपर मार्गदर्शन किया ।
सनातन की ओर से श्रीमती सुगंधी जयकुमार ने महिला जिज्ञासुओं का ‘साधना का महत्त्व, नामजप, आचारधर्म तथा समष्टि सेवा का महत्त्व’ विषयपर मार्गदर्शन किया ।
चलचित्र को १२ ज्योतिर्लिंगो में से एक ‘केदारनाथ’ नाम क्यों दिया गया ? केदारनाथ कोई गांव का नाम नहीं, अपितु मंदिर का नाम है । यह हिन्दू धर्म के उपहास का प्रयास है ।
हिन्दू धर्म का श्रेष्ठत्व गुरु-शिष्य परंपरा में ही है । जब-जब हमारे धर्म को अथवा राष्ट्र को ग्लानी आ गई, तब-तब गुुरु-शिष्य परंपरा ही सनातन धर्मपरंपरा को बचाने हेतु आगे आ गई ।
आज के इस कलियुग में अपने स्वयं के अंतर्गत तथा बाहर के स्वभावदोषरूपी शत्रुओं से संघर्ष करना है और इसके लिए स्वभावदोष एवं अहंनिर्मूलन प्रक्रिया अपनाना आवश्यक है ।
आगामी चलचित्र ‘केदारनाथ’ का नाम, पोस्टर, ट्रेलर तथा टीजर को देखते हुए यह चलचित्र हिन्दूविरोधी होने का दिखाई देता है ।
केरल की सरकार शबरीमला मंदिर की परंपरा के विपरीत महिलाआें को मंदिर में प्रवेश दिलाने का प्रयास कर रही है ।
आज हमारे देश की समस्त जनता जिहादी आतंकवाद से त्रस्त है । हमारी हिन्दू युवतियां और माता-बहनों का जीवन ध्वस्त करनेवाले लव जिहाद का संकट भयानक है ।
देवताआें का अनादर, संतों के विरुद्ध झूठे आरोप लगाकर उन्हें कारागृह में डाल देना, बलपूर्वक धर्मांतरण ऐसी घटनाआें को रोकने के लिए हिन्दुआें का संगठन तथा धर्मशिक्षा की आवश्यकता है ।
‘कोची इंटरनैशनल बुक फेयर’ में सनातन संस्था द्वारा प्रकाशित धर्म, अध्यात्म, आयुर्वेद, बालसंस्कार, स्वभावदोष एवं अहं निर्मूलन आदि विषयोंपर आधारित ग्रंथो की प्रदर्शनी लगाई गई ।
आज जनता को अपनी छोटी-छोटी मांगों के लिए भी आंदोलन चलाने पडते हैं । राजनेता भ्रष्ट हो चुके हैं । शिक्षा का बाजारीकरण हो चुका है ।