स्वभावदोषरूपी शत्रुओं से संघर्ष हेेतु स्वसूचना सत्र करना आवश्यक ! – श्रीमती सविता लेले, सनातन संस्था
आज के इस कलियुग में अपने स्वयं के अंतर्गत तथा बाहर के स्वभावदोषरूपी शत्रुओं से संघर्ष करना है और इसके लिए स्वभावदोष एवं अहंनिर्मूलन प्रक्रिया अपनाना आवश्यक है ।