श्री गणेशमूर्ति का विसर्जन कृत्रिम तालाब में न हो ! – सोलापुर में निवेदन द्वारा प्रशासन से मांग
श्री गणेशमूर्ति का विसर्जन कृत्रिम तालाब में न हो तथा मूर्तिदान की अवधारणा कार्यान्वित न की जाए ।
श्री गणेशमूर्ति का विसर्जन कृत्रिम तालाब में न हो तथा मूर्तिदान की अवधारणा कार्यान्वित न की जाए ।
राजनेताआें को राष्ट्र की आध्यात्मिक तथा नैतिक उन्नति के लिए संतों से मार्गदर्शन लेना आवश्यक है । राष्ट्रहित के लिए कौन सी व्यवस्था, कानून तथा धर्म आवश्यक है, यह केवल संत ही बता सकते हैं तथा वे ही राष्ट्र का भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं ।
अपने धर्मग्रंथों के अनुसार मानव का विकास संस्कृति की दिशा में होना चाहिए न कि विकृति की दिशा में ।
विद्यमान धर्मनिरपेक्ष लोकशाही की रचना ही मूल हिन्दूविरोधी तथा अल्पसंख्यकप्रेमी है । भारतीय राज्यघटना द्वारा अल्पसंख्यंकों को सुरक्षा दी गई है ।
सनातन संस्था की देहली की प्रवक्ता कु. कृतिका खत्री ने आवाहन करते हुए कहा, ‘‘हिन्दू धर्म और राष्ट्रपर आघात किए जा रहे हैं । लव जिहाद की समस्या अधिक गंभीर है । इसका मूल कारण धर्मशिक्षा का अभाव है ।
कुछ गणेशोत्सव मंडल के कार्यकर्ता गणेशोत्सव के लिए फिरौती लेने की भांति चंदा इकट्ठा करते हैं ।
धर्मप्रेमी तथा साधकों ने बोईसर के श्री हनुमान मंदिर की स्वच्छता की । इस अवसरपर मंदिर के न्यासियों ने मंदिर में मनौती मांगने के लिए अनुमति दी । कोपरखैरणे के श्री चिकानेश्वर शिव मंदिर की भी स्वच्छता की गई ।
१ मई को दत्तवाडी के धर्मप्रेमी तथा साधकों ने दत्त मंदिर की स्वच्छता की । श्री. संजय नारखेडे तथा श्री. कोल्हे ने इस कार्य के लिए सहकार्य किया । उस समय ११ तथा १२ वर्ष के दो लडके भी सम्मिलीत हुए । उसमें से एक लडके ने बताया कि, ‘‘साधकों के साथ मंदिर की स्वच्छता करने से हमें पुण्य प्राप्त होगा ।’’
धर्मरक्षक संगठन द्वारा यहां ‘भगवा शौर्य पदयात्रा’ आयोजित की गई थी । उस पदयात्रा से पूर्व इस धर्मसभा का आयोजन किया गया था । उस समय धर्मरक्षक संगठन के नेता श्री. विनोद यादव वक्तव्य कर रहे थे ।
२७ मार्च को शिरढोण के महामार्ग के निकट होनेवाली स्मशानभूमि में सनातन संस्था की ओर से अत्यंविधी के संदर्भ में धर्मशिक्षण देनेवाले प्रबोधनात्मक १८ फ्लेक्स प्रसारित किए गए ।