यवतमाळ में राष्ट्रीय हिन्दु आंदोलनाद्वारा हिन्दुत्वनिष्ठओंका ‘सनबर्न फेस्टिव्हल’ को विरोध
२८ दिसंबर को यहां के दत्त चौकपर विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया ।
२८ दिसंबर को यहां के दत्त चौकपर विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया ।
शबरीमला मंदिर की धर्मपरंपराओं की रक्षा हेतु केंद्र सरकार संसद में कानून बनाए, आंदोनकारी भक्तों के विरुद्ध प्रविष्ट अपराध तुरंत वापस लिए जाएं तथा अन्य भी कुछ मांगों को लेकर हिन्दुत्वनिष्ठो ने राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन के माध्यम से यहां के जयस्तंभ के पास प्रदर्शन किया ।
चलचित्र को १२ ज्योतिर्लिंगो में से एक ‘केदारनाथ’ नाम क्यों दिया गया ? केदारनाथ कोई गांव का नाम नहीं, अपितु मंदिर का नाम है । यह हिन्दू धर्म के उपहास का प्रयास है ।
हिन्दू धर्म का श्रेष्ठत्व गुरु-शिष्य परंपरा में ही है । जब-जब हमारे धर्म को अथवा राष्ट्र को ग्लानी आ गई, तब-तब गुुरु-शिष्य परंपरा ही सनातन धर्मपरंपरा को बचाने हेतु आगे आ गई ।
आगामी चलचित्र ‘केदारनाथ’ का नाम, पोस्टर, ट्रेलर तथा टीजर को देखते हुए यह चलचित्र हिन्दूविरोधी होने का दिखाई देता है ।
केरल की सरकार शबरीमला मंदिर की परंपरा के विपरीत महिलाआें को मंदिर में प्रवेश दिलाने का प्रयास कर रही है ।
आज हमारे देश की समस्त जनता जिहादी आतंकवाद से त्रस्त है । हमारी हिन्दू युवतियां और माता-बहनों का जीवन ध्वस्त करनेवाले लव जिहाद का संकट भयानक है ।
आज जनता को अपनी छोटी-छोटी मांगों के लिए भी आंदोलन चलाने पडते हैं । राजनेता भ्रष्ट हो चुके हैं । शिक्षा का बाजारीकरण हो चुका है ।
बदायूं (उत्तर प्रदेश) के प्राथमिक विद्यालय, नगला सर्कि के प्रांगण में सुबह ६ बजे प्रतिदिन रामायण का पाठ करनेवाले श्री. भगवान सिंह जी को सनातन संस्था की साधिका श्रीमती माधुरी चौहान ने सनातन संस्था के कार्य एवं उद्देश्य की जानकारी दी ।
सनातन के साधक श्री. प्रसाद हळदणकर को इस एप्लिकेशन खोलनेपर उसपर श्री दुर्गादेवी का अनादर करनेवाला चित्र रखे जाने की बात ध्यान में आई ।