दिव्यत्व की प्रचिती का उर्जास्त्रोत्र है सनातन आश्रम ! – ह.भ.प. बाळासाहेब बडवे, भागवत कथाकार, पंढरपुर
‘यदि व्यक्ति के जीवन में धर्म नाम के चैतन्य का अभाव रहेगा, तो असुरी वृत्ति की एक प्रभावळ इस विश्व में निर्माण होगी । यह प्रभावळ देशविघातक सिद्ध होगी, उसके लिए परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी की प्रेरणा से निर्माण हुए सनातन संस्था के समान एक विशाल कल्पवृक्ष की इस विश्व को अत्यंत आवश्यकता है ।