देवता को चित्र-विचित्र रूप में दिखाकर देवता की अवकृपा ओढ न लें !

धर्महानि रोकना कालानुसार आवश्यक धर्मपालन है और वह उस देवता की समष्टि स्तर की साधना ही है । बिना इस उपासना के देवता की उपासना पूर्ण नहीं हो सकती है ।

धर्मशास्त्र समझकर गणेशोत्सव मनाएं एवं आध्यात्मिक दृष्टि से उत्सव का लाभ उठाएं ! – विवेक पेंडसे, सनातन संस्था

गोवा दूरदर्शन पर्यावरण, स्वास्थ्य, महिलाआेंकी सुरक्षा, शिक्षा, उत्सव आदि अनेक विषयों पर समाज से सीधे संवाद करने के लिए लाइव फोन इन कार्यक्रम का आयोजन करता है ।

सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य से समाज में जागृति हो रही है ! – गणेशमूर्तिकार, देवगढ

गणेशोत्सव उद्बोधन अभियान के अतंर्गत श्री गणेशमूर्ति संबंधी शास्त्रीय जानकारी देने पर श्री. दहिबांवकर बोले कि हिन्दू जनजागृति समिति उद्बोधन करती है, यह १०० प्रतिशत ठीक है ।

वर्तमान के ९७ प्रतिशत ‘संत’ प्रत्यक्ष में अध्यात्म के अधिकारी नहीं हैं ! – चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था

सनातन धर्म में राष्ट्रीय अवधारणा व्यापक है । मंत्रपुष्पांजली में कहा है कि, संपूर्ण पृथ्वी एक राष्ट्र है ।

सनातन की फ्लेक्स प्रदर्शनी ज्ञानवर्धक व धर्मजागृति करनेवाली ! – श्रद्धालु तथा अधिवक्ताओं का अभिमत

अधिवक्ता तथा समाज के लोगों ने कहा कि प्रदर्शनी से साधना व देवताओं के बारे में ज्ञान मिला । यह ज्ञानवर्धक व धर्म जागृति करनेवाली प्रदर्शनी है ।

दरभंगा (बिहार) में सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के हिन्दू राष्ट्र विषयी संपर्क अभियान

हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्था के संयुक्त हिन्दू राष्ट्र संपर्क अभियान के अंतर्गत दरभंगा जिले में सिमरी, पुताई, मानीगाछी एवं अहियारी में हिन्दू राष्ट्र जागृति बैठकों का आयोजन किया था ।

श्री गणेशमूर्ति का विसर्जन कृत्रिम तालाब में न हो ! – सोलापुर में निवेदन द्वारा प्रशासन से मांग

श्री गणेशमूर्ति का विसर्जन कृत्रिम तालाब में न हो तथा मूर्तिदान की अवधारणा कार्यान्वित न की जाए ।

देहली आैर हरियाणा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के कार्यक्रम में सनातन संस्था का सहभाग

जन्माष्टमी निमित्त देहली के अलकनंदा स्थित संतोषी माता मंदिर एवं मालवीय नगर के शिवमंदिर में सनातन संस्था की आेर से प्रवचन आयोजित किया गया ।

अमरावती में भागवत सप्ताह में ‘आनंदमय जीवन में अध्यात्म’ विषयपर सनातन संस्था की ओर से प्रवचन

सनातन संस्था की श्रीमती छाया टवलारे ने ‘आनंदमय जीवन के लिए अध्यात्म’ विषयपर प्रवचन किया ।

रामराज्य की स्थापना हेतु कर्नाटक में धर्मसंसद का आयोजन

राजनेताआें को राष्ट्र की आध्यात्मिक तथा नैतिक उन्नति के लिए संतों से मार्गदर्शन लेना आवश्यक है । राष्ट्रहित के लिए कौन सी व्यवस्था, कानून तथा धर्म आवश्यक है, यह केवल संत ही बता सकते हैं तथा वे ही राष्ट्र का भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं ।