वर्तमान के ९७ प्रतिशत ‘संत’ प्रत्यक्ष में अध्यात्म के अधिकारी नहीं हैं ! – चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था
सनातन धर्म में राष्ट्रीय अवधारणा व्यापक है । मंत्रपुष्पांजली में कहा है कि, संपूर्ण पृथ्वी एक राष्ट्र है ।
सनातन धर्म में राष्ट्रीय अवधारणा व्यापक है । मंत्रपुष्पांजली में कहा है कि, संपूर्ण पृथ्वी एक राष्ट्र है ।
अधिवक्ता तथा समाज के लोगों ने कहा कि प्रदर्शनी से साधना व देवताओं के बारे में ज्ञान मिला । यह ज्ञानवर्धक व धर्म जागृति करनेवाली प्रदर्शनी है ।
हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्था के संयुक्त हिन्दू राष्ट्र संपर्क अभियान के अंतर्गत दरभंगा जिले में सिमरी, पुताई, मानीगाछी एवं अहियारी में हिन्दू राष्ट्र जागृति बैठकों का आयोजन किया था ।
श्री गणेशमूर्ति का विसर्जन कृत्रिम तालाब में न हो तथा मूर्तिदान की अवधारणा कार्यान्वित न की जाए ।
जन्माष्टमी निमित्त देहली के अलकनंदा स्थित संतोषी माता मंदिर एवं मालवीय नगर के शिवमंदिर में सनातन संस्था की आेर से प्रवचन आयोजित किया गया ।
सनातन संस्था की श्रीमती छाया टवलारे ने ‘आनंदमय जीवन के लिए अध्यात्म’ विषयपर प्रवचन किया ।
राजनेताआें को राष्ट्र की आध्यात्मिक तथा नैतिक उन्नति के लिए संतों से मार्गदर्शन लेना आवश्यक है । राष्ट्रहित के लिए कौन सी व्यवस्था, कानून तथा धर्म आवश्यक है, यह केवल संत ही बता सकते हैं तथा वे ही राष्ट्र का भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं ।
मुंबई में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित हिन्दू राष्ट्र संगठक प्रशिक्षण कार्यशाला ! आत्मबल बढाने के लिए तथा ईश्वरप्राप्ति के लिए साधना आवश्यक है । जीवन में कभी-कभी अपेक्षित प्रयास कर भी सफलता नहीं मिलती । दुख के पीछे आध्यात्मिक कारण होता है, यह मनुष्य के ध्यान में नहीं आता । उसके लिए … Read more
अपने धर्मग्रंथों के अनुसार मानव का विकास संस्कृति की दिशा में होना चाहिए न कि विकृति की दिशा में ।
विद्यमान धर्मनिरपेक्ष लोकशाही की रचना ही मूल हिन्दूविरोधी तथा अल्पसंख्यकप्रेमी है । भारतीय राज्यघटना द्वारा अल्पसंख्यंकों को सुरक्षा दी गई है ।