मन से क्षमा याचना करने से तनावमुक्त होकर आनंदमय जीवन जीना संभव ! – कु. कृतिका खत्री, प्रवक्ता, सनातन संस्था
नोएडा के महिला उद्यमी संगठन एवं वूमेंस क्लब की ओर से नोएडा के सेक्टर 14, क्लब हाउस में तनाव मुक्ति पर सनातन संस्था द्वारा प्रवचन का आयोजन !
नोएडा के महिला उद्यमी संगठन एवं वूमेंस क्लब की ओर से नोएडा के सेक्टर 14, क्लब हाउस में तनाव मुक्ति पर सनातन संस्था द्वारा प्रवचन का आयोजन !
गत कुछ दिनों से कुछ राजनेताओं ने सनातन धर्म पर अश्लील टीका-टिप्पणी हो रही है । तमिलनाडु में द्रमुक पक्ष के क्रीडामंत्री और मुख्यमंत्रीपुत्र उदयनिधि स्टैलिन ने ‘सनातन धर्मविरोधी परिषद’में कहा था कि ‘सनातन धर्म का डेंग्यू, मलेरिया समान उच्चाटन होना चाहिए ।
सनातन संस्था की ओर से श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर हरियाणा राज्य के फरीदाबाद जिले में अलग अलग स्थानों पर ग्रंथ प्रदर्शनी लगाई गई ।
दिनांक 17.7.2023 को सनातन संस्था की और से फरीदाबाद, सेक्टर 29 के सरकारी प्राथमिक पाठशाला (गव्हरमेंट प्रायमरी स्कूल) में वृक्षारोपण का विशेष उपक्रम किया गया ।
कुछ दिन पूर्व जब उन पर आक्रमण हुआ, उस समय उन्होंने ‘परमपूज्य गुरुदेवजी ने मेरी रक्षा की है । मुझे अभी बहुत कार्य करना है’, ऐसा बताया । अब उन्होंने कर्नाटक राज्य के अधिवक्ताओं का संगठन करने का दायित्व स्वीकार किया है ।
हिन्दू धर्म दुराचार को अधर्म मानता है । विश्वकल्याण की भावना से काम करना भी धर्म है । योग्य कृति को ही धर्म कहा गया है । अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के नाम पर अन्यों को पीडा देना, अधर्म है । अभिव्यक्ति स्वातंत्रता की मुख्य अडचन यह है कि अभिव्यक्ति स्वतंत्रता अथवा स्वैराचार ?
आध्यात्मिक साधना करने से आत्मविश्वास जागृत होता है तथा व्यक्ति तनावमुक्त जीवन जी सकता है । वह साधना कर अपने कृत्य के फल के कार्य की अपेक्षा किए बिना कार्य कर सकता है तथा प्रत्येक कृत्य से आनंद प्राप्त करता है । फल की अपेक्षा रखे बिना काम करने से वह निःस्वार्थ कर्मयोग होता है, जिससे आध्यात्मिक प्रगति भी होती है । केवल ऐसा व्यक्ति ही धर्मरक्षा का कार्य सकता है ।
इस अवसर पर व्यासपीठ पर भागवताचार्य (अधिवक्ता) श्री. राजीवकृष्णजी महाराज झा, पू. भागिरथी महाराज, पूज्य संत श्रीराम ज्ञानीदास महात्यागीजी, अधिवक्ता (पू.) हरिशंकर जैनजी, महंत दीपक गोस्वामी के करकमलों से सनातन की ग्रंथशृंखला के अंतर्गत ‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की अनमोल सीख’ ‘प्रत्यक्षरूप से साधना सिखाने की पद्ध्तियां’ इस हिन्दी एवं मराठी भाषा के ग्रंथ का लोकार्पण किया गया ।
कोरोना महामारी के काल में लोग भयग्रस्त थे । सर्वत्र ही वैसा वातावरण था, तब भी मेरा व्यवसाय भली-भांति चल रहा था । मेरा ऐसा भाव है कि ‘मेरा व्यापार गुरुदेवजी का है ।’ साधना मैं अपने लिए कर रहा हूं । कोरोना के काल में मेरा व्यवसाय ठीक से चल रहा था ।
आप सभी हिन्दू राष्ट्रवीरों को हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य हेतु भक्ति करने की बुद्धि तथा देवताओं की शक्ति प्राप्त हो, इसके लिए मैं भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में प्रार्थना करता हूं !’