यवतमाळ में राष्ट्रीय हिन्दु आंदोलनाद्वारा हिन्दुत्वनिष्ठओंका ‘सनबर्न फेस्टिव्हल’ को विरोध
२८ दिसंबर को यहां के दत्त चौकपर विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया ।
२८ दिसंबर को यहां के दत्त चौकपर विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया ।
राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन के माध्यम से पाश्चात्य भोगवाद को बल प्रदान करनेवाले, हिन्दू संस्कृति के लिए घातक तथा युवक-युवतियों को नशे के अंधकार में ढकेलनेवाले सनबर्न फेस्टिवल का तथा हिन्दुत्वनिष्ठों को झूठे आरोपों में फंसाने के षड्यंत्र का विरोध किया गया ।
सनातन संस्था तथा उसके साधक विगत २ दशकों से भी अधिक समय से निस्वार्थभाव से हिन्दू धर्म एवं संस्कृति का प्रसार कर अध्यात्म, साधना, संस्कृति तथा राष्ट्र के विषय में जागृति ला रहे हैं ।
शबरीमला मंदिर की धर्मपरंपराओं की रक्षा हेतु केंद्र सरकार संसद में कानून बनाए, आंदोनकारी भक्तों के विरुद्ध प्रविष्ट अपराध तुरंत वापस लिए जाएं तथा अन्य भी कुछ मांगों को लेकर हिन्दुत्वनिष्ठो ने राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन के माध्यम से यहां के जयस्तंभ के पास प्रदर्शन किया ।
खिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य तथा नौपाडा, ठाणे के लेखापरीक्षक श्री. वरदराज बापट ने हाल ही में सनातन के रामनाथी आश्रम का अवलोकन किया ।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य तथा नौपाडा, ठाणे के लेखापरीक्षक श्री. वरदराज बापट ने हाल ही में सनातन के रामनाथी आश्रम का अवलोकन किया ।
सनातन की ओर से श्रीमती सुगंधी जयकुमार ने महिला जिज्ञासुओं का ‘साधना का महत्त्व, नामजप, आचारधर्म तथा समष्टि सेवा का महत्त्व’ विषयपर मार्गदर्शन किया ।
इस भेंट में पू. सिंगबाळजी ने महाराजजी को महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय, सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य की जानकारी दी, साथ ही उन्हें सनातन के रामनाथी आश्रम के अवलोकन का निमंत्रण दिया ।
चलचित्र को १२ ज्योतिर्लिंगो में से एक ‘केदारनाथ’ नाम क्यों दिया गया ? केदारनाथ कोई गांव का नाम नहीं, अपितु मंदिर का नाम है । यह हिन्दू धर्म के उपहास का प्रयास है ।
हिन्दू धर्म का श्रेष्ठत्व गुरु-शिष्य परंपरा में ही है । जब-जब हमारे धर्म को अथवा राष्ट्र को ग्लानी आ गई, तब-तब गुुरु-शिष्य परंपरा ही सनातन धर्मपरंपरा को बचाने हेतु आगे आ गई ।