हिन्दुत्ववादियों की दयनीय सद्यस्थिति !

यदि गायों की हत्या हुई, तो गंगा प्रदूषण रोकने हेतु कार्यरत लोगों पर उस का कोई परिणाम नहीं होता एवं गंगा प्रदूषण रोकने हेतु कार्यरत लोगोंपर पुलिस ने लाठीहल्ला किया, तो गोरक्षकों पर उसका कोई परिणाम नहीं होता ! प्रत्येक को ‘हिन्दुओं के सभी प्रश्‍न मेरे ही हैं, ऐसा प्रतीत होगा, उसी समय ‘हिन्दू राष्ट्र’ … Read more

हिन्दुओ, वर्तमान के आपत्काल में मंदिरों का निर्माण कार्य करने में समय का अपव्यय करने की अपेक्षा स्वयं का अस्तित्व संजोने हेतु प्रयास करें !

‘एक देश के राज्यकर्ता वहां के हिन्दू समाज का अस्तित्व नष्ट करने हेतु प्रयत्न करते समय वहां के एक हिन्दुत्वनिष्ठ एक प्राचीन मंदिर का जीर्णाेद्धार होने हेतु स्वयं के समय का अपव्यय कर रहे हैं । आनेवाले आपत्काल में यदि उस देशके हिन्दू ही नष्ट हो गए, तो जीर्णाेद्धार किए मंदिर में कौन जाएगा ? … Read more

जाति अथवा पंथ का कार्य .. धर्म द्वारा किया गया कार्य..

‘किसी जाति का अथवा पंथ का कार्य करनेवालों का, अर्थात् जात्यंधों तथा पंथांधों का कार्य तात्कालिक स्वरूप में रहता है । मानवजाति हेतु धर्म द्वारा किया गया कार्य स्थल तथा काल की सीमा पार करता है ।’

पाश्चात्त्य संस्कृति .. हिन्दू संस्कृति..

‘पाश्चात्त्य संस्कृति स्वेच्छा को प्रोत्साहन देनेवाली व्यक्तिस्वतंत्रता का पुरस्कार करती है तथा दुःख को निमंत्रण देती है, तो हिन्दू संस्कृति ‘स्वेच्छा नष्ट कर सत्-चित्-आनंदावस्था की प्राप्ति कैसे करना’, इस बात का ज्ञान देती है ।’

‘कहां अल्प भौतिक सुख के लिए ईसाई धर्मपरिवर्तन करनेवाले हिन्दू,…

‘कहां अल्प भौतिक सुख के लिए ईसाई धर्मपरिवर्तन करनेवाले हिन्दू, तो कहां धर्म हेतु प्राण अर्पण कर इतिहास में अजरामर होनेवाले छत्रपति शिवाजी महाराज !’

‘हमारी गोशाला में ३०० गाए हैं, इस प्रकार संतोष व्यक्त…

‘हमारी गोशाला में ३०० गाए हैं, इस प्रकार संतोष व्यक्त करने की अपेक्षा ‘मैं ३०० गोरक्षकों को सिद्ध करुंगा’, ऐसा विचार एवं उसप्रकार कृत्य करने पर सहस्रों गायों के प्राण बचेंगे।’

संतों की तुलना में राजनीतिज्ञों का महत्त्व शून्य

राजनीतिज्ञ जनता को पैसे देकर एवं वाहन की सुविधा कर सभा में आमंत्रित करते हैं । इसके विपरीत भक्त संतों के पास एवं धार्मिक उत्सव में उन्हें बिना आमंत्रित किए ही लाखों की संख्या में आते हैं एवं पैसे अर्पण करते हैं ! इससे ध्यान में आएगा कि संतों की तुलना में ‘राजनीतिज्ञों का महत्त्व … Read more

हिन्दू धर्म का ध्येय

‘कहां पृथ्वी पर शासन करने का ध्येय रखनेवाले अन्य धर्म, तो कहाँ ‘प्रत्येक को ईश्वरप्राप्ति हो’, यह ध्येय रखने वाला हिन्दू धर्म !’ – (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

राष्ट्रप्रेमी हिन्दुओ, ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने के कार्य में हम ऐसा भाव रखें ..

राष्ट्रप्रेमी हिन्दुओ, ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने के कार्य में हम श्रीराम की वानरसेना के वानरों समान सहभागी हैं’, ऐसा भाव रखें ! यदि ऐसा भाव रखा, तो रामराज्य अर्थात ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना होते ही अपना भीr उद्धार होगा, अन्यथा ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना होने पर भी अहंभाव जागृत रहने से अपना उद्धार नहीं होगा … Read more

योगासन से ॐ एवं सूर्यनमस्कार हटानेवाले एवं त्रुटिपूर्ण शिक्षा देनेवाले धर्मद्रोहियो, यह ध्यान में लें !

क्या ‘योगासन से ॐ एवं सूर्यनमस्कार हटानेवाले स्वयं को ऋषिमुनियों की अपेक्षा अधिक बुद्धिमान समझते हैं ? योगासन केवल शारीरिक नहीं, अपितु आध्यात्मिक व्यायाम हैं । मानसिक स्तर पर कार्य करनेवाले धर्मद्रोहियों का कार्य एवं नाम कुछ वर्षों के पश्चात ही किसी के ध्यान में नहीं रहता । इसके विपरीत ऋषियों के बताए हुए सूत्र … Read more