मनमुक्तता का महत्त्व
अ. जब (खेत में) नदी का पानी आता है, तब उसे पाट बनाकर दिशा देनी पडती है; अन्यथा वह समस्त (खेत) नष्ट कर देता है । उसीप्रकार मन में आ रहे विचारों को दिशा देनी पडती है । आ. ‘मन खोलना’, अर्थात ईश्वर द्वारा सुझाया गया बोलना एवं बताना । मन खाली करने के उपरांत … Read more