शोकांतिका !
‘व्यक्तिगत जीवन हेतु अधिक पैसे मिलते हैं; इसलिए सभी आनंद से अधिक समय (ओवरटाइम) काम करते हैं; परन्तु राष्ट्र और धर्म के लिए १ घंटा सेवा करने के लिए कोई तैयार नहीं होता !’ – (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले
‘व्यक्तिगत जीवन हेतु अधिक पैसे मिलते हैं; इसलिए सभी आनंद से अधिक समय (ओवरटाइम) काम करते हैं; परन्तु राष्ट्र और धर्म के लिए १ घंटा सेवा करने के लिए कोई तैयार नहीं होता !’ – (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले
‘एक अरबपति का बेटा अपनी पूरी संपत्ती गंवा दे, उस प्रकार हिन्दुओं की पिछली पीढ़ियों ने पूरी धर्मसंपत्ती मिट्टी में मिला दी है !’ – (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले
‘धर्मांतरण कराने के लिए ईसाईयों को प्रलोभन देना पडता है, मुसलमानों को धमकाना पडता है, जबकि हिन्दू धर्म के ज्ञान के कारण अन्य पंथीय हिन्दू धर्म की ओर आकर्षित होते हैं !’ – (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले
अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के पास लाखों कार्यकर्ता होंगे, परंतु उनसे अपेक्षित धर्मसेवा नहीं होती; क्योंकि उनके पास, साधना न करने के कारण, आध्यात्मिक बल नहीं होता । – (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले
‘हिन्दू राष्ट्र में (ईश्वरीय राज्य में) समाचार पत्रिकाएं, दूरचित्रवाहिनियां, संकेतस्थल इत्यादि का उपयोग केवल धर्मशिक्षा और साधना हेतु किया जाएगा । इस कारण अपराधी नहीं होंगे और सभी ईश्वर के अनुसंधान में रहने के कारण आनंदी होंगे ।’ -(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले
‘जो हिन्दू धर्म की आलोचना करते हैं, इस संसार में उनके समान अज्ञानी कोई नहीं है !’ -(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले
‘भारत के हिन्दुओं में हिन्दू धर्म के अतिरिक्त सभी बातें जैसे भाषा, त्यौहार, उत्सव, कपडे इत्यादि विविध राज्यों में अलग अलग हैं । इसलिए हिन्दुओं को केवल धर्म ही एकत्र ला सकता है । कम से कम अब तो हिन्दुओं को धर्म का महत्त्व समझकर, सभी को एकजुट करने का प्रयास करना अत्यावश्यक है ।’ … Read more
हिन्दू राष्ट्र में सब कानून धर्म पर आधारित होंगे । अतः उनमें संशोधन की आवश्यकता नहीं होगी । इनके पालन से समाज अपराध-मुक्त होकर साधनारत होगा ! -(परात्पर गुरु) डॉ.आठवले
विजयादशमी से हिन्दू समाज और देशहित की रक्षा के लिए सीमोल्लंघन करें ! ‘वर्ष २०२१ ते २०२३ का काल जागतिक विश्वयुद्ध का होगा । इस काल में भारतीय सेना को भी सीमोल्लंघन करना पडेगा । भारतीय सीमा पर युद्ध प्रारंभ होने के पश्चात शत्रु राष्ट्रों के समर्थक बने देशांतर्गत शत्रु अराजकता उत्पन्न करने के लिए … Read more
‘अब तक हम कौशल विकास हिन्दू राष्ट्र – स्थापना के लिए हिन्दुओं को संगठित करने की दृष्टि से कर रहे थे । अब काल के अनुसार आपातकालीन परिस्थिति का प्रतिकार करने की दृष्टि से विशेषतः हिन्दुओं की रक्षा की दृष्टि से कौशल विकास करना होगा । वर्तमानकाल, आपातकाल अर्थात संकटकाल है और छह माह में … Read more