वास्तविक ‘दूरदर्शिता’ !
‘स्वयं के सुख के लिए दूसरों को दुःख देकर धन का संग्रह करना पाप है; परंतु भविष्यकाल को ध्यान में रखकर उसके लिए अपनी तैयारी उचित प्रकार से करने को ‘दूरदर्शिता’ कहते हैं ।’ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले
‘स्वयं के सुख के लिए दूसरों को दुःख देकर धन का संग्रह करना पाप है; परंतु भविष्यकाल को ध्यान में रखकर उसके लिए अपनी तैयारी उचित प्रकार से करने को ‘दूरदर्शिता’ कहते हैं ।’ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले
‘वैज्ञानिक ईश्वर की खोज करने के स्थान पर ईश्वर द्वारा बनाए गए विश्व की खोज अनेक पीढ़ियों तक करते रहते हैं । इसके विपरीत साधक ईश्वर की खोज करते हैं । ईश्वर मिलने पर उन्हें विश्व की पहेली सुलझती है !’ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले
‘ईश्वर के आशीर्वाद के बिना संसार में कुछ भी नहीं हो सकता । इसलिए हिन्दू राष्ट्र की स्थापना ईश्वर के आशीर्वाद के बिना होना संभव नहीं है । अतः हिन्दुओ, साधना कर ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करें तथा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करें !’ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले
‘किसी व्यक्ति का प्रारब्ध परिवर्तित करना लगभग असंभव होता है । परिवर्तित करना ही हो, तो तीव्र साधना करनी पड़ती है । ऐसा होते हुए शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक स्तर पर प्रयत्न करने पर भारत का प्रारब्ध परिवर्तित करना क्या संभव है ? उसके लिए आध्यात्मिक स्तर के ही उपचार, अर्थात साधना का बल चाहिए … Read more
‘अपने पुत्र का आगे कैसे होगा ?’, यह चिंता उसके माता-पिता को होती है । इसके विपरीत ʻराष्ट्र के सभी लोगों को संत अपनी संतान मानते हैं । इस व्यापक भाव के कारण संत सदैव आनंदी रहते हैं ।’ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले
‘हिन्दुओं को शोध करने की आवश्यकता नहीं होती; क्योंकि सुख नहीं, अपितु आनंदप्राप्ति के लिये अर्थात मोक्षप्राप्ति तक सबकुछ हिन्दू धर्म में बताया हुआ है ।’ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले
‘हिन्दू धर्म का जितना अध्ययन करना प्रारंभ किया, उतनी ही परिपूर्ण हिन्दू धर्म में जन्म देने के कारण ईश्वर के प्रति कृतज्ञता में वृद्धि होती गई ।’ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले
पुलिसकर्मियों को कानून, नीति और धर्म सिखाएं, जिससे वे निर्दोषों को प्रताडित करने और झूठी रिपोर्ट बनाने का पाप नहीं करेंगे !’ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले
‘पांच ज्ञानेंद्रियों, मन और बुद्धि से परे ज्ञान देनेवाला सूक्ष्म कुछ है, यह ज्ञात न होने से विज्ञानवादियों का शोध बच्चों के खेल समान है !’ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले
‘भगवान विष्णु के अवतार प्रभु श्रीराम ने रावण को युद्ध में मारा ।उसी रावण के भारत में २-३ स्थानों पर ‘रावण महाराज’ के नाम से मंदिर हैं ! इसलिए हिन्दूओं को कोई सर्वधर्मसमभाव न सिखाए !’ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले