‘प्रत्येक पीढ़ी का कर्तव्य !’
‘प्रत्येक पीढ़ी अगली पीढ़ी की ओर समाज, राष्ट्र और धर्म के संदर्भ में अपेक्षा से देखती है । इसके स्थान पर प्रत्येक पीढ़ी ने ‘हम क्या कर सकते हैं ?’, ऐसा विचार कर ऐसे कार्य करने चाहिए जिससे, अगली पीढ़ी को इस संदर्भ में कुछ भी करने की आवश्यकता न रहे और वह अपना सारा … Read more