अध्यात्म में शोध कार्य नहीं करना पडता

‘विज्ञान को अधिकांशतः कुछ भी ज्ञात न होने के कारण, बार-बार शोध कार्य करना पड़ता है । इसके विपरीत अध्यात्म में सब कुछ ज्ञात होने के कारण शोध कार्य नहीं करना पडता ।’ – (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले

साधना के कारण किसी से ईर्ष्या, मत्सर अथवा द्वेष नही लगता

‘साधना के कारण ‘ईश्वर चाहिए’, ऐसा लगने लगे, तो ‘पृथ्वी की कोई वस्तु चाहिए’, ऐसा नही लगता । इस कारण किसी से ईर्ष्या, मत्सर अथवा द्वेष नही लगता, साथ ही अन्यों के साथ दूरी, झगडे नही होते.’ – परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

खरा रामराज्य

‘रामराज्य केवल हिन्दू राष्ट्र में ही होगा !’ – (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले

प्रत्येक में ईश्वर के अस्तित्व की शिक्षा देनेवाला हिन्दू धर्म !

‘ईश्वर सर्वत्र हैं, प्रत्येक में हैं’, यह हिन्दू धर्म की शिक्षा होने के कारण हिन्दुओं को अन्य धर्मियों का द्वेष करना नहीं सिखाया जाता ।’ – (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले

अध्यात्म में साधना का आरंभ कैसे होता है ?

‘अध्यात्म में साधना का आरंभ अर्थात ‘अ’(A) ऐसा कुछ नहीं होता । प्रत्येक के आध्यात्मिक स्तर एवं साधनामार्ग के अनुसार उसकी साधना आरंभ होती है ।’ – (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले (२९.१२.२०२१)

साधक और नेताओं में भेद !

‘नेता अपने लाभ के लिए समाज से ‘मुझे मत (वोट) दो’, ऐसा कहते हैं , इसके विपरीत साधक समाज से अपने लिए कुछ नहीं मांगते; अपितु ‘ईश्वरप्राप्ति के लिए साधना करो’, ऐसा कहते हैं !’ – (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले

कहां आदर्श प्रभु श्रीराम और कहां आज के अकार्यक्षम नेता !

कहां सहस्रो दावे लंबित होने पर भी कुछ ना करनेवाली आज तक की सरकारें और कहां जनता में से एक व्यक्ति द्वारा केवल संदेह व्यक्त करने पर सीता का त्याग करनेवाले प्रभु श्रीराम ! इस कारण प्रभु श्रीराम अजर अमर हैं, जबकि नेताओं को जनता कुछ वर्षों में ही भूल जाती है । – (परात्पर … Read more

सात्त्विक व्यक्तियों का ध्येय !

‘सात्त्विक व्यक्तियों के व्यष्टि जीवन का ध्येय होता है ईश्वरप्राप्ति, जबकि समष्टि जीवन का ध्येय होता है रामराज्य !’ – (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले

हिन्दू राष्ट्र में राज्यकर्ता अच्छे ही होंगे !

‘स्वतंत्रता से लेकर अभी तक चुनकर आए राजनीतिक दल ‘अच्छे हैं’, इसलिए नहीं चुने गए । इसके विपरीत वह अन्य दलों की तुलना में कम बुरे हैं, इसलिए चुने गए हैं ! (अंग्रेजी में एक वाक्य है ‘The Lesser of two evils.’ जिसका अर्थ है, ‘उपलब्ध दो अनुचित विकल्पों में से न्यूनतम हानि करनेवाला विकल्प … Read more