अनुक्रमणिका
- १. अनिद्रानाश टालने के लिए किए जानेवाले सामान्य प्रयत्न
- २. होमियोपैथी की औषधियां
- २ अ. कॉफिया क्रूडा (Coffea Cruda)
- २ आ. नक्स वॉमिका (Nux Vomica)
- २ इ. सल्फर (Sulphur)
- २ ई. एकोनाईट नैपेलस (Aconite Napellus)
- २ उ. पल्सेटिला निग्रिकन्स (Pulsatilla Nigrican)
- २ ऊ. कैम्फर (Camphor)
- २ ए. आर्निका मोन्टाना (Arnica Montana)
- २ ऐ. हायोसायमस नायगर (Hyoscyamus Niger)
- २ ओ. ओपियम (Opium)
- २ औ. पैसिफ्लोरा इन्कार्नाटा मूल अर्क (Passiflora Incarnata Mother tincture)
- ३. बाराक्षार औषध
वर्तमान के भागदौड के जीवन में किसी को भी और कभी भी संसर्गजन्य बीमारियों का अथवा अन्य किसी भी विकार का सामना करना पड सकता है । ऐसे समय पर शीघ्र ही किसी विशेषज्ञ वैद्यकीय परामर्श उपलब्ध हो ही सके, ऐसा कह नहीं सकते । सर्दी, खांसी, बुखार, उलटी, जुलाब, बद्धकोष्ठता, आम्लपित्त जैसे विविध रोगों पर घर के घर ही में उपचार कर पाएं, इस दृष्टि से होमियोपैथी चिकित्सापद्धति सर्वसामान्यजनों के लिए अत्यंत उपयोगी है । यह उपचारपद्धति घर के घर ही में कैसे करें ? होमियोपैथी की औषधि किसप्रकार तैयार करें ? उनका संग्रह कैसे करें ? ऐसी अनेक बातों की जानकारी इस लेखमाला द्वारा दे रहे हैं ।
पाठकों से अनुरोध है कि किसी बीमारी पर स्वउपचार आरंभ करने से पूर्व ‘होमियोपैथी स्वउपचार संबंधी मार्गदर्शक सूत्र और प्रत्यक्ष औषधि का चयन कैसे करें ?’, यह जानकारी पाठक पहले पढकर भली-भांति समझ लें और उस अनुसार औषधि चुनें !
संकलक : होमिओपॅथी डॉ. प्रवीण मेहता, डॉ. अजित भरमगुडे आणि डॉ. (सौ.) संगीता अ. भरमगुडे
निरामय स्वास्थ्य के लिए प्रौढ व्यक्तियों को लगभग ७-८ घंटे की नींद आवश्यक होती है । ‘नींद बिलकुल न लगना, अपेक्षित और आवश्यक घंटे नींद न लगना, नींद से रात में जाग जाना और पुन: नींद न लगना, सवेरे बेसमय पर जाग जाना’, इन सभी लक्षणों को ‘अनिद्रा’, कहते हैं । पर्याप्त नींद न होने से दिन में नींद आना, थकान होना, चिडचिड, निरुत्साह जैसे दुष्परिणाम दिखाई देते हैं ।
१. अनिद्रानाश टालने के लिए किए जानेवाले सामान्य प्रयत्न
१ अ. आरामदायक बिस्तर और तकिए का उपयोग
१ आ. रात में सोने के लिए जाने का समय एक ही रखना
१ इ. सोने से १ घंटे पहले गरम पानी से स्नान करना
१ ई. कॉफी टालना
१ उ. दिन में सोना टालना
१ ऊ. सोने से पहले लगभग १ घंटा टीवी, मोबाईल, संगणक का उपयोग टालना
१ ए. सोने से पहले भारी मात्रा में अन्नग्रहण टालना
१ ऐ. सोने के समय ऊंची आवाज और प्रखर प्रकाश (bright lights) टालना
१ ओ. सक्रिय रहना, योगासन करना
१ औ. तनाव का सफलता से सामना करने की क्षमता निर्माण करना
१ अं. शिथिलता के लिए ध्यानधारणा करना
२. होमियोपैथी की औषधियां
२ अ. कॉफिया क्रूडा (Coffea Cruda)
२ अ १. नींद न आने का आगे दिए गए कारणों में से एक होना
अ. कोई अच्छा समाचार सुनना
आ. मन में अनेक विचार आने से मन उद्विग्न होना
२ अ २. शिशुओं में अनिद्रा
२ अ ३. शिशुओं में दांत आने के समय अनिद्रा
टिप्पणी : यह औषधि लेते समय आहार में कॉफी न लें ।
२ आ. नक्स वॉमिका (Nux Vomica)
२ आ १. नींद न आने का आगे दिए कारणों में से कोई होना
अ. अति मात्रा में कॉफी, चाय अथवा मद्य का सेवन
आ. बौद्धिक तनाव
इ. सवेरे उठने पर तरोताजा न लगना
२ इ. सल्फर (Sulphur)
तलुवों में जलन होने से नींद न लगना; लग भी जाए तो दम घुटने समान लगना और जाग जाना
२ ई. एकोनाईट नैपेलस (Aconite Napellus)
अत्यंत चिंता, अस्वस्थता और मृत्यु के भय से नींद न आना
२ उ. पल्सेटिला निग्रिकन्स (Pulsatilla Nigrican)
२ उ १. नींद न आने से आगे दिए गए कारण होना
अ. अनुचित समय और अधिक खाने से अपचन होना
आ. मन में अनेक विचार होना
२ उ २. आगे झुककर अथवा एक ओर टेककर बैठने से नींद लगना
२ उ ३. उलझनभरे स्वप्न आना
२ ऊ. कैम्फर (Camphor)
चिंताग्रस्त होने से मन की उत्तेजित स्थिति रहने से नींद न आना
२ ए. आर्निका मोन्टाना (Arnica Montana)
२ ए १. नींद न आने का आगे दिया गया कोई कारण होना
अ. मुक्कामार, शारीरीक चोट लगना
आ. अतिश्रम
२ ए २. सोने पर बिस्तर बहुत कठोर लगना
२ ऐ. हायोसायमस नायगर (Hyoscyamus Niger)
२ ऐ १. नींद न आने के आगे दिए कारणों में से कोई होना
अ. प्रेम में असफलता
आ. व्यवसाय में असफल न होते हुए भी असफल प्रतीत होना
इ. क्रोध, चिडचिड, मत्सर के कारण मन में तीव्र अस्थिरता
२ ऐ २. उसमें भी नींद न लगने पर बडबड करना अथवा हंसना
२ ओ. ओपियम (Opium)
१. सोने के लिए जाने पर बिस्तर बहुत गरम लगना
२. बिस्तर में लेटने पर दूर की आवाज स्पष्टरूप से सुनाई देने के कारण नींद न लगना ।
२ औ. पैसिफ्लोरा इन्कार्नाटा मूल अर्क (Passiflora Incarnata Mother tincture)
१. ऊपर दी गई ‘१ ते ९’ औषधियों में से ‘लक्षणांनुसार हमें लागू पडनेवाली औषधि’ ढूंढकर दें । उसके साथ ही पैसीफ्लोरा इन्कार्नाटा का मूल अर्क भी दें ।
२. ‘लक्षणों के अनुसार हम पर लागू होनेवाली औषधि’ न मिलने पर केवल पैसिफ्लोरा इन्कार्नाटा का मूल अर्क लें ।
सूत्र क्र. ‘२ औ’ में १ और २, इन दोनों परिस्थितियों में इस औषधि की ३० बूंदें रात में सोते समय लें । नियमित शांत नींद लगने लगे, तो इसे लेना बंद कर दें ।
३. बाराक्षार औषध
३ अ. कैलियम फॉस्फोरिकम् (Kalium Phosphoricum 6x)
इस औषधि कर ४ गोलियां गुनगुने दूध अथवा गुनगुने पानी में घोलकर रात को सोने से पहले लें ।